बीएमडब्ल्यू हिट-एंड-रन मामले मिहिर शाह की सुप्रीम कोर्ट ने की ज़मानत याचिका खारिज,
Mumbai 13 December 2025,
मुंबई के बहुचर्चित बीएमडब्ल्यू हिट-एंड-रन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए आरोपी मिहिर शाह को कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया “ऐसे लड़कों को सबक सिखाने की ज़रूरत है। कोर्ट ने आरोपी की ज़मानत याचिका भी खारिज कर दी है। आरोपी की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट के नवंबर 2024 के आदेश के खिलाफ यह याचिका दायर की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने आज 13 दिसंबर को सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा,”माता-पिता भी जिम्मेदार हैं। हम अपने बच्चों को सही संस्कार देने में असफल रहे हैं। कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि आरोपी एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता है और उसके पिता राजेश शाह, महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़े रहे हैं और एक समय एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना में नेता रह चुके हैं। पीठ ने आरोपी के आचरण पर नाराजगी जताते हुए कहा,”यह लड़का देर रात मर्सिडीज से घर आता है, उसे शेड में खड़ा करता है, फिर बीएमडब्ल्यू निकालता है, हादसा करता है और फरार हो जाता है। ऐसे मामले में उसे जेल में ही रहने दिया जाना चाहिए।
आरोप है कि मिहिर शाह ने नशे की हालत में जुलाई 2024 को मुंबई के वर्ली सी फेस रोड पर तेज रफ्तार से बीएमडब्ल्यू कार चलाते हुए स्कूटर सवार दंपति को टक्कर मार दी। स्कूटर चला रहे प्रदीप नाखवा तो बोनट से गिर जाने के कारण बच गए, लेकिन उनकी पत्नी की मौके पर मौत हो गई। बताया गया कि महिला का शव करीब दो किलोमीटर तक सड़क पर घसीटता चला गया। पुलिस जांच में सामने आया कि मिहिर शाह शराब के नशे में था। हादसे के बाद वह मौके से फरार हो गया और दो दिन बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। पुलिस ने आरोपी के पिता और ड्राइवर को भी गिरफ्तार किया था, जिन पर मिहिर को बचाने और उसके फरार होने में मदद करने का आरोप है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने ज़मानत खारिज कर दी थी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 21 नवंबर 2024 को मिहिर शाह की ज़मानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अपराध की प्रकृति बेहद गंभीर है। कोर्ट ने आरोपी के आचरण, गवाहों को प्रभावित करने की आशंका और सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना को आधार बनाया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने यह छूट दी थी कि ट्रायल कोर्ट में अहम गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद आरोपी फिर से ज़मानत के लिए आवेदन कर सकता है। आरोपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने भविष्य में ज़मानत का विकल्प खुला रखा है। । इस पर पीठ ने सुझाव दिया कि याचिका वापस ले ली जाए। इसके बाद आरोपी पक्ष ने ज़मानत याचिका वापस ले ली, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
