दिल्ली, वैमानिकी विकास एजेंसी ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए भविष्य के हथियारों तथा सेंसर के एकीकरण के उद्देश्य से भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन पर वैमानिकी विकास एजेंसी के प्रौद्योगिकी निदेशक (वैमानिकी और हथियार प्रणाली) प्रभुल्ला चंद्रन वीके तथा भारतीय वायु सेना के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एसडीआई) के कमांडेंट एयर वाइस मार्शल केएन संतोष वीएसएम ने हस्ताक्षर किए। वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के प्रशासनिक नियंत्रण में एक प्रमुख संगठन है, जिसे तेजस-हल्के लड़ाकू विमान तथा इसके उपकरणों को तैयार व विकसित करने का अधिकार प्राप्त है।
आधुनिक युद्ध के द्रष्टिगत, विमान के हथियारों तथा सेंसर सूट को आधुनिक व सामायिक करने की निरंतर आवश्यकता है और इस दिशा में वैमानिकी विकास संस्था ने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट में हथियारों एवं सेंसर के एकीकरण के लिए तकनीकी हस्तांतरण शुरू किया है। इससे भारतीय वायुसेना को तेजस-हल्के लड़ाकू विमान की परिचालन क्षमता बढ़ाने के लिए स्वतंत्र रूप से सेंसर, हथियार एकीकरण तथा उड़ान परीक्षण करने की सुविधा मिलेगी।
वैमानिकी विकास संस्था ने दस हजार से अधिक शॉर्टिंग मुक्त उड़ान भरने के रिकॉर्ड ़के साथ तेजस हल्के लड़ाकू विमान को सफलतापूर्वक विकसित किया है। वायुसेना ने पहले ही इस लड़ाकू विमान के दो स्क्वाड्रन बनाए हैं और दो सीटों वाले विमान भी शामिल किए जा रहे हैं।
Aironautic develop agency & Indian Nevy Force signs MOU
******