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अमेरिकी संस्था 'फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट' द्वारा 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर हमलावर, - Separato Spot Witness Times
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अमेरिकी संस्था ‘फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ द्वारा 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर हमलावर,

दिल्ली, अमेरिकी संस्था ‘फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ (यूएसएड) द्वारा 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारत को दिए जाने की खबर छपने के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि अब सच्चाई सामने आने के बाद सत्तारूढ़ दल को ेे माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस की मांग है कि ‘यूएसएड’ तथा अन्य ऐसी विदेशी स द्वारा पिछले 70 वर्षों के दौरान भारत में की गई ‘फंडिंग’ पर श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए।

वहीं, भाजपा ने खबर को ‘लीपापोती’ और ‘फर्जी’ बताते हुए इसे खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि ‘गांधी परिवार के चाटुकार’ भ्रामक दावे करके भ्रम फैला रहे हैं।

समाचार पत्र ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की इस खबर में दावा किया गया है कि अमेरिकी संस्था ‘फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ (यूएसएड) की ओर से मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए मंजूर की गई 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारत नहीं बल्कि बांग्लादेश के लिए थी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर यह खबर साझा करते हुए पोस्ट किया, ”झूठ सबसे पहले वाशिंगटन में बोला गया। फिर झूठ को भाजपा की झूठ सेना द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया…अब झूठ का पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया है।”

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ”एक हफ्ते से एक कहानी चलाई रही है कि यूएसएड ने नरेन्द्र मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर दिए। इस बारे में भाजपा नेताओं कि कहना है कि, ये पैसा 2012 में संप्रग सरकार के समय आया था। पवन खेड़ा ने सवाल उठाया कि, ऐसे में क्या 2014 में भाजपा इसी पैसे से जीती थी?” उन्होंने एक अंग्रेजी दैनिक की खबर का हवाला देते हुए कहा कि सच्चाई ये है कि यूएसएड के ये 2.1 करोड़ डॉलर बांग्लादेश के गैर सरकारी संगठनों को गए हैं।

भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ प्रमुख अमित मालवीय ने समाचार पत्र की खबर को फर्जी बताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”इंडियन एक्सप्रेस की खबर में 2022 में बांग्लादेश को 2.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग की चर्चा की गई है। हालाँकि, लेख भारत में मतदाता मतदान को ‘बढ़ावा’ देने के उद्देश्य से 2.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग के संदर्भ को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है।” मालवीय ने दावा किया, ”यह अब स्पष्ट होता जा रहा है कि कांग्रेस-नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से भारत की संस्थाओं में उन ताकतों को प्रवेश करने की अनुमति दी, जो राष्ट्र-विरोधी हितों के लिए काम करती हैं। ये ऐसी ताकतें हैं जो हर संभव अवसर पर भारत को कमजोर करना चाहती हैं।”

भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान आने के बाद कुछ अखबारों ने इस मामले पर ‘पर्दा डालना’ शुरू कर दिया है। उन्होंने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओईजी) के ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट का भी हवाला दिया जिसमें भारत में मतदान के लिए 2.1 करोड़ डॉलर के वित्तपोषण का उल्लेख किया गया है और आरोप लगाया है कि ‘गांधी परिवार के चाटुकार’ झूठ बोल कर अफवाह फैला रहे हैं।भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर भारत को कमजोर करने के लिए विदेशी ताकतों के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ”पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान 2004-13 के बीच भारत में 200 करोड़ डॉलर से अधिक का चंदा सरकार के पास आया।

उल्लेखनीय है कि,अमेरिका के मियामी में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत में मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘यूएसएड’ द्वारा दी गई 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता पर सवाल उठाया और कहा, ”मुझे लगता है कि वे किसी और को निर्वाचित कराने का प्रयास कर रहे थे।” अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने दावा किया है कि साल 2022 में 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि बांग्लादेश के लिए थी और इसमें से 1.34 करोड़ डॉलर बांग्लादेशी छात्रों के बीच राजनीतिक और नागरिक जुड़ाव एवं 2024 के आम चुनावों से पहले की परियोजनाओं के लिए खर्च किए जा चुके हैं।

 

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