देहरादून 16 मई 2023,
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘रोजगार मेला’ कार्यक्रम के तहत सरकारी विभागों में चयनित 71,000 कर्मियों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए। इस दौरान श्री मोदी ने 2014 से अबतक रोजगार के क्षेत्र में की गए कामों के बारे में विस्तार से बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, बीते 9 वर्षों में भारत सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडिचर पर करीब-करीब 34 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इस साल के बजट में भी कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 10 लाख करोड़ रुपए तय किए गए हैं। इस राशि से देश में नए हाईवे बने हैं, नए एयरपोर्ट, नए रेल रूट, नए पुल अनगिनत ऐसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से भी देश में लाखों नए रोजगार बने हैं। जिस स्पीड और स्केल पर आज भारत काम कर रहा है, यह भी आजादी के 75 साल के इतिहास में अभूतपूर्व है। 70 साल में भारत में सिर्फ 20 हजार किलोमीटर के आसपास रेल लाइनों का विधुतिकरण हुआ था। जबकि हमारी सरकार में बीते 9 साल में भारत में करीब-करीब 40 हजार किलोमीटर रेल लाइनों का विधुतिकरण हुआ है। 2014 से पहले हमारे देश में हर महीने सिर्फ 600 मीटर नई मेट्रो लाइन बिछाई जा रही थी। आज भारत में हर महीने 6 किलोमीटर उस समय हिसाब मीटर का था, आज हिसाब किलोमीटर का है। 6 किलोमीटर नई मेट्रो लाइन का काम पूरा हो रहा है। 2014 से पहले देश में 4 लाख किलोमीटर से भी कम ग्रामीण सड़कें थीं। आज देश में सवा सात लाख किलोमीटर से भी ज्यादा ग्रामीण सड़कें हैं। यह भी करीब-करीब डबल। 2014 से पहले देश में सिर्फ 74 एयरपोर्ट थे। आज देश में एयरपोर्ट्स की संख्या भी बढ़कर 150 के आस-पास पहुंच रही है। यह भी डबल। बीते 9 वर्षों में देश में गरीबों के लिए जो 4 करोड़ पक्के घर बनाए गए हैं, उन्होंने भी रोजगार के अनेक नए अवसर बनाए हैं। गांव-गांव में खुले 5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर, आज रोजगार का बड़ा माध्यम बने हैं, युवाओं को विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर बना रहे हैं। गांवों में 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन बनें हों या फिर 9 करोड़ घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ना, ये सभी अभियान बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा कर रहे हैं। देश में आ रहा विदेशी निवेश हो या फिर भारत से रिकॉर्ड एक्सपोर्ट, ये देश के कोने-कोने में रोजगार के अवसर बना रहे हैं।
साल 2014 से 2022 के बीच हर साल एक नया आईआईटी और एक नया आईआईएम तैयार हुआ है। पिछले 9 वर्षों में औसतन हर हफ्ते एक यूनिवर्सिटी और हर दिन, और हर दिन दो कॉलेज खोले गए हैं। हमारी सरकार आने से पहले देश में 720 के आसपास यूनिवर्सिटीज थीं, अब इनकी संख्या बढ़कर 11 सौ से ज्यादा हो गई है। 7 दशकों में देश में सिर्फ 7 एम्स तैयार किए गए थे। पिछले 9 वर्षों में हम 15 नए एम्स बनाने की तरफ बढ़े हैं। इनमें से कई अस्पतालों ने अपनी सेवाएं देनी भी शुरू कर दी हैं। 2014 तक पूरे देश में 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे। आज इनकी संख्या लगभग 700 हो चुकी है। कॉलेज बढ़े तो स्वाभाविक तौर पर सीटों की संख्या भी बढ़ी है, युवाओं के लिए उच्च शिक्षा की पढ़ाई के अवसर बढ़े हैं। साल 2014 से पहले हमारे देश में एमबीबीएस औरएमडी की सीटें सिर्फ 80 हजार के आसपास ही होती थीं। अब देश में एमबीबीएस औरएमडी की सीटें बढ़कर 1 लाख 70 हजार से भी ज्यादा हो गई हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘बीते नौ वर्षों में भारत सरकार ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया को ज्यादा तेज करने, ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने को भी प्राथमिकता दी है। आज आवेदन करने से लेकर नतीजे आने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। आज डॉक्युमेंट्स को सेल्फ अटेस्ट करना भी पर्याप्त होता है। ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू भी खत्म हो गए हैं। इन सारे प्रयासों से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हुआ है।’
मोदी ने कहा कि नौ साल पहले आज के ही दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे। तब पूरा देश उत्साह, उमंग और विश्वास से झूम उठा था। सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ कदम बढ़ाने वाला भारत, आज विकसित भारत बनने के लिए प्रयास कर रहा है। इन नौ वर्षों के दौरान रोजगार की नई संभावनाओं को केंद्र में रखकर सरकार की नीतियां तैयार की गई हैं। बीते नौ वर्षों में भारत सरकार ने मूलभूत सुविधाओं के लिए पूंजीगत व्यय पर करीब-करीब 34 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस साल के बजट में भी पूंजीगत व्यय के लिए 10 लाख करोड़ रुपए तय किए गए हैं।
पीएम ने ये भी कहा कि बीते नौ वर्षों में गरीबों के लिए जो चार करोड़ पक्के घर बनाए गए हैं, उन्होंने भी रोजगार के अनेक नए अवसर बनाए हैं। गांव-गांव में खुले पांच लाख कॉमन सर्विस सेंटर आज रोजगार का बड़ा माध्यम बने हैं। युवाओं को विलेज लेवल का उद्यमी बना रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि बीते नौ वर्षों में काम की प्रवृत्ति भी बहुत तेजी से बदली है। बदलती हुई इन परिस्थितियों में युवाओं के लिए नए सेक्टर्स उभर कर आए हैं। केंद्र सरकार इन नए सेक्टर्स को भी निरंतर सपोर्ट कर रही है। इन नौ वर्षों में देश ने स्टार्ट अप कल्चर की नई क्रांति देखी है।
पीएलआई स्कीम के तहत केंद्र सरकार मैन्युफैक्चरिंग के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये की मदद दे रही है। ये राशि भारत को दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के साथ ही लाखों युवाओं को रोजगार में भी सहायता करेगी।