दुष्कर्म के मामले में दोषसिद्ध आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट ने छ: महीने के लिए दी: दस साल से जेल में हैं बंद,
Gujrat, 07 November 2025,
2013 में महिला शिष्या से दुष्कर्म के एक मामले में दोषसिद्ध जनवरी 2023 से आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट ने मेडिकल आधार पर छह महीने के लिए जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति इलेश वोरा और न्यायमूर्ति आरटी वच्छानी की पीठ ने आसाराम (84) को उसके इलाज के लिए अस्थायी जमानत दी है। आसाराम की जमानत के मामले में विगत दिनों राजस्थान हाईकोर्ट ने भी ऐसा ही आदेश दिया था।
गुजरात हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि, आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट जिस आधार पर जमानत दी थी, उसी आधार पर छह महीने की जमानत दे गई है। आसाराम के वकील ने पीठ के समक्ष राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश प्रस्तुत किया और उसकी मेडिकल ग्राउंड पर विचार करने का अनुरोध किया था। राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को आसाराम को छह महीने की जमानत दे दी थी। गुजरात सरकार का पक्ष रख रहे वकील ने आसाराम की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसे जो उपचार सुविधाएं जोधपुर जेल में नहीं मिल पाई है वे उसे अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में उपलब्ध कराई जा सकती है। कोर्ट ने आसाराम के वकील की इस दलील पर संज्ञान लिया कि उनका मुवक्किल लंबे समय से बीमार है और जेल में उसका उचित इलाज संभव नहीं है।
बता दें कि गांधीनगर की एक अदालत ने बलात्कार के एक मामले में आसाराम को जनवरी 2023 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अदालत ने आसाराम को 2013 में दर्ज एक मामले में दोषी ठहराया था। उन पर आरोप था कि उसने सूरत की रहने वाली एक महिला शिष्या के साथ 2001 से 2006 के बीच दुष्कर्म किया।वह 2013 में राजस्थान स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के एक अन्य मामले में भी आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 25 अप्रैल, 2018 को जोधपुर अदालत ने ख़ुद को धर्मगुरू बताने वाले आसाराम बापू को एक नाबालिग से बलात्कार के मामले में दोषी क़रार दिया है और आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने से पांच साल पहले से आसाराम जेल की सलाखों में बंद हैं
