दिल्ली, राऊज एवेन्यू डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की विशेष सीबीआई अदालत ने धोखाधड़ी के करीब बीस साल पुराने एक मामले में बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व मुख्य प्रबंधक को तीन साल कैद और डेढ़ लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। पूर्व मुख्य प्रबंधक पर बैंक को साजिशन 80 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सीबीआई ने मंगलवार को बताया कि, बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व मुख्य प्रबंधक पर एक लाभार्थी को जाली और फर्जी दस्तावेज के आधार पर 30 लाख रुपये की कार्यशील पूंजी, 25 लाख रुपये का ऋण पत्र और 25 लाख रुपये का सावधि ऋण प्राप्त करने में मदद की थी।
सीबीआई ने 30 अक्टूबर 2003 को पूर्व मुख्य प्रबंधक और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, ऋण प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों को असली के रूप में उपयोग करने, बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व मुख्य प्रबंधक, आपराधिक षड्यंत्र, साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक कदाचार के अपराध के लिए मामला दर्ज किया।
जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 23 दिसंबर 2005 को आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। सीबीआई के हवाले से बताया गया कि, अहमदाबाद में बैंक ऑफ इंडिया की एसएम रोड शाखा के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक को दोषी पाया गया है।