केंद्र सरकार, वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव कर वक्फ बोर्ड के अधिकारों को सीमित कर सकती है। बताया जा रहा है कि, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में वक्फ बोर्ड एक्ट के केई बिन्दुओं पर बदलाव किए जाने पर चर्चा हुई है। जिसमें यह भी कहा गया है कि अगर वक्फ बोर्ड किसी भी प्रॉपर्टी पर दावा करता है तो उसका अनिवार्य तौर पर वेरिफिकेशन होगा। इसके अलावा अगर किसी प्रॉपर्टी को लेकर वक्फ बोर्ड और किसी व्यक्ति के बीच विवाद चल रहा है तो उसका भी वेरीफिकेशन कराया जाएगा। केंद्र सरकार वक्फ एक्ट में बदलाव को लेकर अगले हफ्ते संसद में एक विधेयक भी पेश कर सकती है।
वक्फ बोर्ड को जो संपत्ति दान में मिलती है, उसका मकसद गरीब और जरूरतमंदों की मदद, उनकी पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था, मस्जिदों का निर्माण, मरम्मत या रख-रखाव और अन्य धर्मार्थ कार्यों में मदद है। वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में कुल 30 वक्फ बोर्ड हैं। अधिकतर के मुख्यालय दिल्ली में है। केंद्र सरकार का सेट्रल वक्फ काउंसिल इन वक्फ बोर्डों के साथ तालमेल कर काम करता है।
अक्सर वक्फ की संपत्तियों को लेकर विवाद होता रहता है। सबसे ज्यादा विवाद वक्फ बोर्ड को दिये अधिकारों को लेकर है। वक्फ बोर्ड को अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी संपत्ति की जांच कर सकता है और अगर किसी संपत्ति पर अपना दावा कर दे तो इसे पलटना मुश्किल हो जाता है। वक्फ एक्ट के सेक्शन 85 में कहा गया है कि बोर्ड के फैसले को सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती।
आंकड़ों के मुताबिक वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है. साल 2009 में यह जमीन 4 लाख एकड़ हुआ करती थी, जो कुछ सालों में बढ़कर दोगुनी हो गई है. इन जमीनों में ज्यादातर मस्जिद, मदरसा, और कब्रगाह हैं। पिछले साल अल्पसंख्यक मंत्रालय ने लोकसभा में बताया था कि दिसंबर 2022 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 8,65,644 अचल संपत्तियां थीं। वक्फ बोर्ड को ज्यादातर संपत्तियां मुस्लिम शासनकाल में मिलीं. दिल्ली सल्तनत की स्थापना के साथ ही वक्फ को संपत्तियां मिलती रहीं. मुगलों के शासनकाल में भी वक्फ संस्थाओं को मस्जिद, मदरसा, कब्रगाह के लिए बेहिसाब जमीनें मिलीं। इसके अलावा 1947 में बंटवारे के वक्त पाकिस्तान जाने वाले तमाम मुसलमानों ने भी अपनी संपत्ति वक्फ को दान कर दी।
Changes in Waqf Board Act: Can the rights of Waqf Board be limited?