पत्रकारों के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध—बंशीधर तिवारी का मानवीय कदम
पत्रकार सिर्फ खबर नहीं लिखते, वे समाज की धड़कन को शब्द देते हैं। इसलिए उनका सम्मान, उनका सुरक्षा कवच और उनके परिवारों की चिंता शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में होनी चाहिए। इसी भाव को जीते हुए उत्तराखंड के सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी एक बार फिर संवेदनशील नेतृत्व का उदाहरण बने हैं। आज उनकी अध्यक्षता में हुई पत्रकार कल्याण कोष की बैठक में ऐसे निर्णय लिए गए जो न सिर्फ कागज़ों पर, बल्कि कई परिवारों की उम्मीदों में रोशनी बनकर उतरेंगे।
🔹 15 दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को पत्रकार कल्याण कोष से ₹5-5 लाख की सहायता—ताकि कठिन समय में उनके परिवार अकेला महसूस न करें।
🔹 गंभीर बीमारी से संघर्ष कर रहे 2 पत्रकारों को ₹5-5 लाख की चिकित्सा मदद, ताकि इलाज में आर्थिक चिंता बाधा न बने।
🔹 04 वरिष्ठ पत्रकारों के लिए सम्मान पेंशन, उनके आजीवन योगदान के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक।
तिवारी जी का स्पष्ट संदेश “पत्रकारों और उनके परिवारों की पीड़ा हमारी जिम्मेदारी है, और हर संभव सहायता समय पर पहुँचाई जाएगी।” यह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि संवेदना को प्रशासनिक शक्ति में बदलने का जीवंत उदाहरण है।ऐसे संवेदनशील, सक्रिय और मानवीय अधिकारी बंशीधर तिवारी को हृदय से प्रणाम। पत्रकार कल्याण कोष समिति के सभी सदस्यों का भी आभार।
