दिल्ली, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 की हत्या के बाद सिक्ख विरोधी दंगे से जुड़े मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सिक्ख समुदाय की एक महिला के पति और बेटे की हत्या के मुकदमे में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सरस्वती विहार क्षेत्र में पीड़िता के सामने भीड़ ने उनके पति और बेटे की हत्या कर दी थी।
न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, साक्ष्यों से साबित होता है कि लाठी और घातक हथियारों से लैस भीड़ को सज्जन कुमार भड़का रहे थे। भीड़ ने दंगा ही नहीं फैलाया बल्कि हत्याओं को भी अंजाम दिया।
न्यायाधीश कावेरी बावेजा द्वारा आरोपी सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाने के के पश्चात, पीड़ितों के वकील एचएस फुल्का ने सज्जन कुमार को सजा मिलने के बाद पत्रकारों को बताया कि, सज्जन कुमार की उम्र 80 से अधिक है, ऐसे में कोर्ट ने सज्जन को डबल उम्रकैद की सजा सुनाई है। पहले मुकदमे में उम्रकैद की सजा की धारा 302 है। जबकि दूसरे में 436 के तहत फैसला सुनाया गया है।
बता दें कि, एक नवंबर 1984 को दंगों के दौरान सरस्वती विहार दिल्ली में जसवंत सिंह और तरुणदीप सिंह की हुई हत्या की गई थी। इस घटना की वर्ष 1991 में रिपोर्ट दर्ज हुई।
एक फरवरी, 2010 को ट्रायल कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार, बलवान खोकर, महेंद्र यादव, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल, किशन खोकर, महा सिंह और संतोष रानी को समन जारी किया। 2021 में सज्जन कुमार को जेल से गिरफ्तार किया गया, सज्जन कुमार एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 16 दिसंबर,2021 को अदालत ने सज्जन के खिलाफ आरोप तय किए थे।सितंबर 2023: राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के सुल्तानपुरी में 3 लोगों की हत्या मामले में सज्जन कुमार को बरी कर दिया था। 12 फरवरी 2025: विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सज्जन कुमार को दोषी करार दिया। और आज 25 फरवरी 2025 को भारतीय दंड संहिता धारा 302 और 436 के तहत दो उम्रकैद की सजा सुनाई है।