December 22, 2025

दिल्ली की अदालत द्वारा चार्जशीट दायर करने पर कांग्रेस ने देश भर में किया प्रदर्शन,

देहरादून , नेशनल हेराल्ड से जुड़े तथाकथित दो हजार करोड़ रुपए के धनशोधन मामले में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्षा सोनिया गांधी और नेता प्रतिपक्ष लोकसभा राहुल गांधी व अन्य के खिलाफ दिल्ली की अदालत द्वारा चार्जशीट दायर की गई थी। जिसके विरोध स्वरूप आज देश भर में कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय ईडी और सीबीआई कार्यालयों में धरना प्रदर्शन किया।

देहरादून में ईडी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि केंद्र सरकार और भाजपा संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग से विपक्ष की आवाज़ को दबाने और लोकतंत्र को कुचलना चाहती है। यह कृत्य केंद्र की तानाशाह सरकार के दबाव में राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है। सोनिया गांधी श एवं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ख़िलाफ ईडी की कारवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। भाजपा की तानाशाही हम किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।

वहीं दिल्ली में आज कांग्रेस ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव के नेतृत्व में इस तानाशाही का पुरजोर विरोध किया।

देवेंद्र यादव ने कहा कि, नेशनल हेराल्ड का फर्जी केस भारतीय जनता पार्टी की सोची समझी साजिश और राजनीतिक कुंठा का सबूत है। भाजपा सिर्फ बदले की भावना के तहत विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है, लोकतंत्र को रौंदना चाहती है। लेकिन कांग्रेस न कभी डरी है और न कभी डरेगी। हम इस क्रूर और निरंकुश सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।

कांग्रेस के राष्ट्रीय मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया गया कि, नेशनल हेराल्ड के विषय में जो प्रक्रियाएं हो रही हैं, वो नई नहीं हैं, क्योंकि जब ये केस शुरू हुआ था, तभी हमने कहा था कि ये बड़ा विचित्र मामला है। यह केस बिना एक रुपए, बिना एक रुपए की प्रॉपर्टी के स्थानांतरण के शुरू हुआ है। नेशनल हेराल्ड की पुरानी प्रॉपर्टी को मैनेज करने के लिए एक नॉट फॉर प्रॉफिट- सेक्शन 8 की कंपनी बनाई गई, जिसमें श्रीमती सोनिया गांधी जी और अन्य लोग जुड़े हुए थे। इसमें ना डिविडेंड दिया जा सकता है और ना ही कमर्शियल ट्रांजैक्शन हो सकता है।

प्रेस वार्ता में बताया गया कि, यह एक मनगढ़ंत और झूठा केस रचा गया है। उसी श्रृंखला में चार्जशीट दाखिल करने की भी प्रक्रिया हुई है। शुरुआत से इस मामले का कानूनी रूप से सामना किया जा रहा है। यह एक फेक मामला है, जिसमें कोई भी तथ्य नहीं है। अंततोगत्वा इस मामले में कोर्ट अपनी स्पष्टता रखेगा। इस केस को राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से चलाया जा रहा है, जो दिख रहा है।

 

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