December 21, 2025

अक्तूबर से शुरू हो जाएगा केदारनाथ रोपवे का निर्माण कार्य, मिंटों में तय होगी घंटों की दूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ रोपवे निर्माण को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अन्य कार्रवाई भी तेज हो गई है। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ पहुंचकर 21 अक्तूबर 2022 को इस रोपवे का शिलान्यास किया था।

आगामी अक्तूबर से केदारनाथ रोपवे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। रोपवे निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया इस माह 19 तारीख तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद डिजाइन सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। 13 किमी लंबे रोपवे का कार्य दो चरणों में किया जाएगा, जिसमें पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ तक 9.7 किमी निर्माण किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ रोपवे निर्माण को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अन्य कार्रवाई भी तेज हो गई है। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ पहुंचकर 21 अक्तूबर 2022 को इस रोपवे का शिलान्यास किया था। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बनने से केदारनाथ यात्रा सरल व सुलभ हो जाएगी। रोपवे बनने से गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी सिर्फ 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। शुरुआती समय में एक घंटे में 1800 यात्री गौरीकुंड से केदारनाथ पहुंच सकेंगे। बाद में रोपवे से प्रति घंटा 3500 यात्री केदारनाथ पहुंच सकेंगे।

भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 13 किमी लंबे सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे निर्माण की जिम्मेदारी नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड) को सौंपी है। कार्यदायी संस्था बीते दो वर्ष से एजेंसियों के माध्यम से प्रशासन व वन विभाग के साथ संयुक्त रूप से रोपवे निर्माण के लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक कई चरणों में हवाई व भूमिगत सर्वेक्षण के साथ अन्य सभी औपचारिकताएं पूरी कर चुकी है। सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे निर्माण के लिए 26 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। रोपवे का निर्माण दो चरणों में किया जाना है, जिसमें पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ तक 9.7 किमी और दूसरे चरण में सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक 3.3 किमी रोपवे बनाया जाना है।

13 किमी लंबे रोपवे में होंगे 22 टॉवर
यह रोपवे 22 टॉवरों के सहारे होगा। रोपवे में उपयोग होने वाले गंडोला को विशेष डिजाइन के तहत तैयार किया जाएगा। साथ ही निर्माण आधुनिक तकनीक से किया जाएगा।
सोनप्रयाग, केदारनाथ सहित होंगे पांच स्टेशन

केदारनाथ रोपवे में सोनप्रयाग व केदारनाथ प्रमुख स्टेशन होंगे। जबकि, गौरीकुंड, चिरबासा और लिनचोली भी स्टेशन होंगे। पांच स्टेशनों में चिरबासा व लिनचोली टेक्निकल स्टेशन होंगे। इन स्टेशनों का उपयोग आपातकाल की स्थिति में प्रमुखता से किया जाएगा।

इस वर्ष के अक्तूबर से केदारनाथ रोपवे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। रोपवे निर्माण के लिए ऑनलाइन निविदा की कार्रवाई 19 मार्च को पूरी हो जाएगी। इसके बाद डिजाइन सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ तक 9.7 किमी रोपवे निर्माण किया जाना है।
– प्रशांत जैन, प्रेसिडेंड, नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड

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