दिल्ली , 13 अप्रैल 2025,
एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन में, खुफिया एजेंसी राजस्व असूचना निदेशालय (डीआरआई) ने मिजोरम के आइजोल इलाके में एक 12-पहिया ट्रक के लिए 52.67 किलोग्राम मेथामफेटामाइन की गोलियां जब्त की। अंतरराष्ट्रीय दवा बाजार में इनकी कीमत 52.67 करोड़ रुपये बताई जा रही है।मेथमफेटामाइन का इस्तेमाल मानव के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने , मनोरंजक या प्रदर्शन-बढ़ाने वाली दवा के रूप में किया जाता है। राजस्व आसूचना निदेशालय या राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), एक भारतीय खुफिया एजेंसी है। यह भारत की प्रमुख तस्करी विरोधी खुफिया, जांच और संचालन एजेंसी है।
इस अभियान में तस्करी की गई दवाओं को छिपाने और परिवहन करने का एक नया तरीका सामने आया – ट्रक के तिरपाल कवर के भीतर सावधानीपूर्वक पैक किए गए ईंट के आकार के 53 पैकेट पाए गए। पैकेट पर हीरे के चिह्नों के साथ “3030 एक्सपोर्ट ओनली” और “999” जैसे शब्द लिखे थे और उसमें नारंगी-गुलाबी रंग की गोलियां थी। एनडीपीएस फील्ड टेस्ट किट का उपयोग करके किए गए परीक्षणों से पुष्टि हुई कि गोलियों में मेथामफेटामाइन था।
डीआरआई) ने बताया कि, नागालैंड में पंजीकृत यह ट्रक भारत-म्यांमार सीमा के पास संवेदनशील सीमावर्ती शहर ज़ोखावथर से आया था और त्रिपुरा जा रहा था। डीआरआई ने मिज़ोरम से निकलने से पहले ही वाहन को रोक लिया। उल्लेखनीय है कि उस समय ट्रक में कोई घोषित माल नहीं था। इससे पहले, इसने मेघालय से सीमेंट लेकर चंपई तक पहुँचाया था और फिर ज़ोखावथर पहुँचा था। जहाँ प्रतिबंधित माल लोड किया गया था। ट्रक के चालक और उसके सहायक को स्वापक औषधि और मन प्रभावी पदार्थ(एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के तहत गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि ड्रग्स को म्यांमार से ज़ोखावथर सेक्टर के माध्यम से मिजोरम में तस्करी कर लाया गया था।डीआरआई ने जनवरी 2025 से आज तक पूर्वोत्तर क्षेत्र में 148.50 किलोग्राम मेथामफेटामाइन की गोलियां जब्त की हैं।