पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ पैदल मार्च पर बैरिकेड तोड़े: जवाब में हरियाणा पुलिस ने आँसू गैस के गोले दागे:कई किसान हुए घायल।     

पंजाब-हरियाणा बार्डर , आज किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के तहत पैदल मार्च में 101 किसानों का पहला जत्था बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली के दिल्ली की ओर निकला। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की, जिसके जवाब में हरियाणा पुलिस ने आँसू गैस के 21 गोले दागे। इसके अलावा प्लास्टिक की गोलियों का भी इस्तेमाल किया गया, जिसमें छह किसान घायल हो गए। इसके बाद यहां स्थिति तनाव पूर्ण हो गई है।

पुलिस लगातार वीडियोग्राफी कर रही है और किसानों को शांत रहने की अपील कर रही है। हालाँकि, किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। अंबाला के कई इलाकों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर यातायात बाधित है।

कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। शंभू बॉर्डर और आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाएँ 9 दिसंबर तक के लिए बंद कर दी गई हैं। प्रशासन का कहना है कि इससे अफवाहों पर लगाम लगेगी और कानून-व्यवस्था बनाए रखना आसान होगा।

प्राप्त रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज दोपहर को किसानों का जत्था आगे बढ़ने लगे और बैरिकेड्स को तोड़ दिया। इस पर पुलिस ने आँसू गैस के गोले छोड़े और प्लास्टिक की गोलियाँ दागी। पुलिस का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाना पड़ा। मौके पर तैनात अर्धसैनिक बल और ड्रोन से स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

किसान नेताओं ने इसे शांतिपूर्ण मार्च बताया और हरियाणा प्रशासन द्वारा उन्हें रोकने की निंदा की। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “हम अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह आंदोलन शांतिपूर्ण है, लेकिन हमें जानबूझकर भड़काने की कोशिश की जा रही है।

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, “किसानों को दिल्ली जाने की अनुमति नहीं दी गई है। बिना अनुमति के उन्हें आगे बढ़ने देना कानून का उल्लंघन है।” अंबाला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर पाँच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है।

क्या हैं किसानों की मांगें?

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी , बिजली दरों में बढ़ोतरी पर रोक, 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय और किसानों और मजदूरों की आजीविका में सुधार के लिए अतिरिक्त सुधार , किसान संगठन 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने एवं 2021-22 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की माँग कर रहे हैं।

Farmers broke barricades during ‘Delhi Chalo’ foot march at Shambhu border of Punjab-Haryana: In response, Haryana Police fired tear gas shells: Many farmers injured.

पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ पैदल मार्च पर बैरिकेड तोड़े: जवाब में हरियाणा पुलिस ने आँसू गैस के गोले दागे:कई किसान हुए घायल।

 

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