वित्तीय धोखाधड़ी पर अब ऐसे लग सकेगी रोक, एसटीएफ में फाइनेंशियल
वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए एसटीएफ में फाइनेंशियल फ्रॉड यूनिट का गठन किया गया। सचिव वित्त जावलकर ने इस यूनिट में साइबर विशेषज्ञों के साथ बैंकिंग व वित्तीय संस्थानों के साथ बेहतर समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए।
सोमवार को सचिवालय में वित्त सचिव की अध्यक्षता में भारतीय रिजर्व बैंक की राज्यस्तरीय समन्वय समिति की वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम से संबंधित उप समिति की बैठक हुई। जावलकर ने कहा वित्तीय धोखाधड़ी पर प्रभावी रोक लगाने के लिए संबंधित विभाग और संगठन बेहतर समन्वय के साथ काम करें। उन्होंने मोबाइल एप के माध्यम से होने वाली वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए पुलिस विभाग को तकनीक विकसित करने के निर्देश दिए।
बैठक में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए सुझाव दिया गया कि पुलिस कमांड सेंटर में साइबर क्राइम इकाई एवं बैंक प्रतिनिधि संयुक्त रूप से कार्य करें, जिससे वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में धन की शीघ्र रिकवरी संभव हो सके। धोखाधड़ी करने वालों के माध्यम से धन निकासी पर प्रभावी रोक लगाई जा सके। बैठक में बताया गया कि हरियाणा में इस मॉडल को अपनाने से बैंकिंग चैनलों के अलावा अन्य माध्यमों से धन अंतरण में कमी आई है।
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में वर्तमान में कुल 281 कंपनियां कार्यरत हैं। जिनका सत्यापन संबंधित नियामक संस्थाओं के माध्यम से किया जाता है। तय किया गया कि आम जनता को जागरूक करने व वित्तीय धोखाधड़ी से सावधान रहने के लिए इन कंपनियों की सूची को राज्य एवं जिला स्तर की सरकारी वेबसाइटों पर अपलोड किया जाएगा। लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर धोखाधड़ी के मामलों में राज्य में 14 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसकी सीबीआई कर रही है।
