देहरादून 02 अगस्त 2023,
दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मेवात-नूंह व अन्य स्थानों में हुई हिंसा के संबंध में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती बढ़ाने और नफरत फैलाने वाले भाषण पर रोक लगाने का आदेश दिया। यद्यपि कोर्ट ने किसी भी विरोध प्रदर्शन या रैलियों पर रोक नहीं लगाई है। कोर्ट ने यह आदेश राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली देश के अन्य स्थानों में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शनों एवं रैलियों को देखते हुए दिया है।
जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से रैलियों में पर्याप्त सुरक्षाबल तैनात करने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि वहां कोई नफरत भरे भाषण और हिंसा न हो। बेंच ने निर्देश दिया कि रैलियों की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए ।बेंच ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि, पुलिस अधिकारियों सहित राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि किसी भी समुदाय के खिलाफ कोई नफरत भरे भाषण न हों। कोई हिंसा या संपत्तियों को नुकसान भी न हो। कोर्ट ने यह आदेश पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिका में कहा गया कि, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली व देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन करने की घोषणा की गई है। याचिकाकर्ता के वकील सीयू सिंह ने बेंच को बताया कि, दिल्ली में ही अनेक रैलियां हो चुकी हैं और 5-6 रैलियां होनी बाकी हैं। ये रैलियां संवेदनशील इलाकों में हो रही हैं और स्थिति अस्थिर हो सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। साथ ही अगली सुनवाई की तारीख 4 अगस्त तय की है।