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Health experts review Chandipura virus and Acute Encephalitis Syndrome cases - Separato Spot Witness Times
स्वास्थ्य

Health experts review Chandipura virus and Acute Encephalitis Syndrome cases

दिल्ली, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक और एनसीडीसी निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अतुल गोयल ने एम्स, कलावती सरन चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (निमहंस) के विशेषज्ञों के अलावा केन्‍द्र और राज्य निगरानी इकाइयों के अधिकारियों के साथ कल गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चांदीपुरा वायरस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मामलों की समीक्षा की।

चांदीपुरा वायरस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम एईएस मामलों की स्थिति की विस्तृत समीक्षा के बाद, विशेषज्ञ इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि संक्रामक एजेंट देश भर में एईएस के मामलों के केवल एक छोटे से हिस्से में योगदान करते हैं। उन्होंने गुजरात में रिपोर्ट किए गए एईएस मामलों के व्यापक महामारी विज्ञान, पर्यावरण संबंधी और कीट विज्ञान संबंधी अध्ययनों की आवश्यकता पर जोर दिया। इन जांचों में गुजरात राज्य की सहायता के लिए एनसीडीसी, आईसीएमआर और डीएएचडी की एक बहु-विषयक केन्‍द्रीय टीम तैनात की जा रही है।

एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) चिकित्सकीय रूप से समान न्यूरोलॉजिक अभिव्यक्तियों का एक समूह है, जो कई अलग-अलग वायरस, बैक्टीरिया, फंगस, परजीवी, स्पाइरोकेट्स, रसायन/विषाक्त पदार्थों आदि के कारण होता है। एईएस के ज्ञात वायरल कारणों में जेई, डेंगू, एचएसवी, सीएचपीवी, वेस्ट नाइल आदि शामिल हैं।

चांदीपुरा वायरस (सीएचपीवी) रैबडोविरिडे परिवार का एक सदस्य है जो देश के पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी भागों में छिटपुट मामलों और प्रकोपों का कारण बनता है, खासकर मानसून के दौरान। यह सैंड फ्लाई और टिक्स जैसे रोगवाहक कीटों से फैलता है।

यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि वेक्टर जनित रोग नियंत्रण, स्वच्छता, और जागरूकता ही इस बीमारी से बचने का एकमात्र उपलब्ध उपाय है। यह बीमारी मुख्‍यत: 15 साल से कम उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में लेती है और इसके साथ ही संक्रमण की वजह से बुखार भी हो सकता है, जिससे कुछ मामलों में मौत भी हो सकती है। वैसे तो ‘सीएचपीवी’ के लिए कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है और इसका उपचार लक्षणात्मक ही होता है, लेकिन एईएस की चपेट में आए मरीजों को समय पर निर्दिष्ट स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों पर भेजने से वे इससे उबर सकते हैं।

जून 2024 की शुरुआत से ही गुजरात में 15 साल से कम आयु के बच्चों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मामले सामने आ रहे हैं। 20 जुलाई, 2024 तक एईएस के कुल 78 मामले सामने आए हैं जिनमें से 75 मामलों का वास्‍ता गुजरात के 21 जिलों/निगमों से, 2 मामलों का वास्‍ता राजस्थान से और 1 मामले का वास्‍ता मध्य प्रदेश से है। इनमें से 28 मामलों में मरीज की मृत्यु हो गई है। एनआईवी पुणे में परीक्षण किए गए 76 नमूनों में से 9 में चांदीपुरा वायरस (सीएचपीवी) के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। समस्‍त 9 सीएचपीवी-पॉजिटिव मामले और इससे जुड़ी 5 मौतें गुजरात में हुई हैं।

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कोविड-19 अपडेट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय।

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