दून घाटी की नदियों में पानी मौत बनकर बह रहा था। सबसे भयावह दृश्य आसन नदी पर देखने को मिला जहां एक ट्रैक्टर-ट्रॉली समेत 15 मजदूर अचानक आए पानी के सैलाब में बह गए। इस दौरान नदी किनारे खड़े उनके परिजन चिल्लाते रह गए। इनमें से 2 लोगों को पुलिस टीमों ने बचा लिया जबकि 8 के शव अलग-अलग जगहों से बरामद हो गए। 5 अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
.दून जिले के पछवादून क्षेत्र में वर्षाकाल में अवैध खनन कर मजबूर श्रमिकों की जान को दांव पर लगाया जा रहा है। यमुना, आसन, स्वारना, टॉस और शीतला नदी में रोजाना टैक्टर-ट्रॉलियां और श्रमिक उतारे जा रहे हैं। दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए मजबूरी में श्रमिक खतरे के बाद भी नदी तल में उतर रहे हैं।
पछवादून क्षेत्र के विकासनगर, सहसपुर और सेलाकुई में वर्षाकाल में रोक के बाद भी नदियों में खनन किया जा रहा। विकासनगर में यमुना, सहसपुर में आसन, शीतला और टोंस और सेलाकुई में स्वारना नदी में हर रोज ट्रैक्टर-ट्रॉली और श्रमिक उतारे जाते हैं। जब अचानक नदी का जलस्तर बढ़ता है तो ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक और श्रमिक अपनी जान बचाने के लिए किनारों की ओर दौड़ लगाते है। कई बार ट्रैक्टर-ट्रॉली और श्रमिक नदी के बीच फंस जाते है। एसडीआरएफ और पुलिस की ओर से उन्हें नदी से बाहर निकाला जाता है।
आसन नदी के फंसे श्रमिकों का दिन खराब था
बीते जुलाई माह में विकासनगर के बाढ़वाला में जुड्डो बांध से अचानक पानी छोड़ने के बाद एक ट्रैक्टर-ट्रॉली और 11 श्रमिक यमुना नदी में फंस गए थे। एसडीआरएफ और पुलिस ने बचाव अभियान चलाया। श्रमिकों की किस्मत अच्छी थी कि सभी को बचा लिया गया। प्रेमनगर के परवल में आसन नदी के फंसे श्रमिकों का दिन खराब था। मदद पहुंचने से पहले नदी की तेज धारा में बह गए।
आठ श्रमिकों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा। हैरानी कि बात है कि लगातार वर्षाकाल में नदियों में खनन के मामले सामने आ रहे हैं। श्रमिक नदियों में फंस भी रहे हैं लेकिन प्रशासन और खनन विभाग आंखें बंद किए हैं। श्रमिकों के नदी में फंसने के बाद उनकी जान पर दांव लगाने वालों पर कार्रवाई नहीं होती है। यह बड़ी घटना प्रशासन और खनन विभाग के लिए बड़ा सबक है।
माता-पिता की हुई मौत, बेटे लापता
मंगलवार एक परिवार के लिए काला दिन साबित हुआ। पूरा परिवार नदी की भेंट चढ़ गया। यूपी के मुरादाबाद जिले के बिलारी के सोनकपुर थाना क्षेत्र के मुंडिया जैन गांव के हरचरण उनकी पत्नी सोमवती, बेटा हरिराम और राजकुमार मजदूरी कर गुजारा कर रहे थे। ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ चारों नदी में बह गए। हरचरण और सोमवती का शव मिल गया। हरिराम और राजकुमार अब तक लापता हैं