Delhi , 08 September 2025,
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि भारत अपनी अंतरिक्ष यात्रा में एक परिवर्तनकारी चरण में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन से लेकर 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को उतारने जैसे महत्वाकांक्षी लक्ष्य शामिल हैं। वे “वैश्विक प्रगति के लिए अंतरिक्ष का उपयोग: नवाचार, नीति और विकास” के विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सम्मेलन 2025 के उद्घाटन सत्र को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
हाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. सिंह ने चंद्रयान-3 की सफलता का जिक्र किया, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बनकर भारत को अग्रणी अंतरिक्ष यात्री देशों में शामिल कर दिया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय वायु सेना अधिकारी, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उपलब्धियों के बारे में भी बताया और मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान के साथ-साथ मंगल, शुक्र और क्षुद्रग्रहों पर भारत के आगामी अन्वेषण अभियानों की भी चर्चा की।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री के प्रयास से वर्तमान में प्रक्षेपण यान, उपग्रह और भू-प्रणाली जैसे क्षेत्रों में 300 से ज़्यादा स्टार्टअप सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि इससे न केवल नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि युवा पेशेवरों के लिए रोजगार, निवेश और अवसर भी पैदा हो रहे हैं। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने अमेरिका के साथ संयुक्त नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) मिशन और जापान के साथ आगामी चंद्रयान-5 चंद्र मिशन जैसी हालिया साझेदारियों का हवाला दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह का सहयोग दर्शाता है कि अंतरिक्ष वैश्विक जुड़ाव के लिए एक सशक्त मंच के रूप में कैसे काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास भारत की अंतरिक्ष रणनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना हुआ है। इसरो के आउटरीच कार्यक्रमों, अकादमिक उत्कृष्टता केंद्रों और उद्योग-अकादमिक सहयोग के माध्यम से, देश उपग्रह डिजाइन, प्रोपल्सन, एआई-संचालित अनुप्रयोगों और अंतरिक्ष कानून जैसे क्षेत्रों में प्रतिभाओं को पोषित कर रहा है।
भारतीय उद्योग परिसंघ सीआईआई द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में भारत और विदेश से 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिनमें सरकारी प्रतिनिधि, शिक्षाविद, उद्योग जगत के दिग्गज और स्टार्टअप शामिल हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस क्षेत्र में नवाचार, नीति और विकास पर चर्चा के लिए हितधारकों को एक मंच प्रदान करने के लिए सीआईआई की सराहना की।