पश्चिम बंगाल , कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले के दोषी संजय रॉय को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को अप्रयाप्त मानते हुए हाईकोर्ट में चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की अपील खारिज कर दी है। जबकि सीबीआई की याचिका स्वीकार कर ली।सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने दोषी संजय रॉय के लिए मौत की सजा देने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर की थी। न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और मोहम्मद सब्बार रशीदी की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि सीबीआई नेन्यायमूर्ति जांच की थी और वह एक एजेंसी थी, इसलिए आरोपी को दी गई सजा को चुनौती देने वाली उसकी अपील सुनवाई के लिए स्वीकार की जा रही है। सीबीआई ने पीठ के समक्ष दावा किया कि चूंकि वह मामले की जांच और अभियोजन एजेंसी है, इसलिए उसे ही सजा की अपर्याप्तता के आधार पर उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है।
आपको बता दें कि पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार रूम में ड्यूटी पर तैनात एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया था और फिर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। वारदात के अगले दिन कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था। कल हीकत्ता उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।रजं केंद्रीय एजेंसी ने 7 अक्टूबर को निचली अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया और 4 नवंबर को संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय किए गए थे। निचली अदालत ने 20 जनवरी को मामले में दोषी ठहराते हुए संजय रॉय को उनके प्राकृतिक जीवन के अंत तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस सजा को अपर्याप्त मानते हुए सीबीआई और राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में अपील दायर की थी।