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Kotdwar: संकट… कण्वाश्रम में कभी भी ध्वस्त हो सकती है 43 गांवों को सिंचाई सुविधा देने वाली मुख्य मालन नहर - Separato Spot Witness Times
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Kotdwar: संकट… कण्वाश्रम में कभी भी ध्वस्त हो सकती है 43 गांवों को सिंचाई सुविधा देने वाली मुख्य मालन नहर

Kotdwar: संकट… कण्वाश्रम में कभी भी ध्वस्त हो सकती है 43 गांवों को सिंचाई सुविधा देने वाली मुख्य माल

2023 में कण्वाश्रम से करीब 3 किमी ऊपर मालन नदी से निकाली गई मुख्य मालन फीडर नहर को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची थी। तब करीब दो माह तक इससे निकलने वाली दांई और बांई मालन नहरों से सिंचाई व्यवस्था ध्वस्त पड़ गई थी।

 

कोटद्वार भाबर क्षेत्र के 43 गांवों को सिंचाई सुविधा देने वाली मालन मेन फीडर नहर की सालभर बाद भी ठीक ढंग से मरम्मत न होने से इस पर भूकटान व भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। भारी बारिश में यह नहर कभी भी ध्वस्त हो सकती है। जिससे भाबर के काश्तकारों के सामने धान की फसल की सिंचाई के लिए पानी का संकट खड़ा हो जाएगा। भाबर के काश्तकारों ने जिला प्रशासन, स्थानीय विधायक व राज्य सरकार से नहर की मरम्मत के लिए धनावंटन की गुहार लगाई है।

 

अगस्त, 2023 में कण्वाश्रम से करीब 3 किमी ऊपर मालन नदी से निकाली गई मुख्य मालन फीडर नहर को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची थी। तब करीब दो माह तक इससे निकलने वाली दांई और बांई मालन नहरों से सिंचाई व्यवस्था ध्वस्त पड़ गई थी। सिंचाई विभाग ने तब आनन फानन करीब 30 मीटर नहर के पैच का नए सिरे से निर्माण कर सिंचाई का पानी किसानों के खेतों तक पहुंचाया, लेकिन नहर में नदी से हो रहे कटान और पहाड़ी से भूस्खलन के खतरे से बचने के लिए स्थायी कार्य नहीं हो सका।

 

आलम यह है कि कभी भी मालन नहर का करीब 70 मीटर का हिस्सा नदी में समा सकता है। मालिनी किसान पंचायत के अध्यक्ष जेपी बहुखंडी व महासचिव मधुसूदन नेगी ने बताया कि मुख्य मालन नहर को नीचे से जहां मालन नदी से कटाव का खतरा बना हुआ है, वहीं ऊपर से भूस्खलन सक्रिय है। इस बरसात में नहर यदि ढह गई तो 43 गांवों में खेती बाड़ी पर संकट पैदा हो जाएगा। किसानों का कहना है कि पिछली बरसात में भी बजट के अभाव में सिंचाई विभाग ने उधार में काम कराया, जिसके लिए संबंधित ठेकेदार विभाग का चक्कर काट रहा है।

 

 

नहर की सुरक्षा व मरम्मत के लिए 40 लाख का आगणन बनाकर शासन को भेजा गया है। बजट मिलने पर कार्य शुरू कराया जाएगा। फौरी व्यवस्था के तहत दो डेंजर जोन में वायरक्रेट लगाने के निर्देश अधीनस्थों को दिए गए हैं।

– अजय कुमार जॉन, अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड दुगड्डा

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