October 31, 2025

Like the guiding star, the Father of the Nation Mahatma Gandhi united the various traditions of the freedom struggle and their diverse expressions: President Draupadi Murmu.

दिल्ली. 78वां स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया, कहा सभी देशवासी 78वें स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं, यह देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लहराते हुए तिरंगे को देखना – चाहे वह लाल किले पर हो, राज्यों की राजधानियों में हो या हमारे आस-पास हो – हमारे हृदय को उत्साह से भर देता है। यह उत्सव, 140 करोड़ से अधिक देशवासियों के साथ अपने इस महान देश का हिस्सा होने की हमारी खुशी को अभिव्यक्त करता है। जिस तरह हम अपने परिवार के साथ विभिन्न त्योहार मनाते हैं, उसी तरह हम अपने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को भी अपने उस परिवार के साथ मनाते हैं जिसके सदस्य हमारे सभी देशवासी हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 1947 में देश के विभाजन की त्रासदी और विभीषिका के स्याह काल जिक्र करते हुए कहा, ‘आज, 14 अगस्त को हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है. यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है. जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा. लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एकजुट होकर खड़े होते हैं, जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘आजादी का यह पर्व हमें उन दिनों की याद दिलाता है, जब देश के लिए कई लोगों ने बलिदान दिया. हमारे स्वाधीनता संग्रमियों ने हमें नई अभिव्यक्ति प्रदान की. सरदार पटेल, बोस, भगत सिंह, बाबा साहेब आंबेडकर जैसे कई अन्य लोग थे, जिनके बलिदान की सराहना होती रही है। पंद्रह अगस्त के दिन, देश-विदेश में सभी भारतीय, ध्वजारोहण समारोहों में भाग लेते हैं, देशभक्ति के गीत गाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। जब हम बच्चों को अपने महान राष्ट्र तथा भारतीय होने के गौरव के बारे में बातें करते हुए सुनते हैं तो उनके उद्गारों में हमें महान स्वतंत्रता सेनानियों की भावनाओं की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। हमें यह अनुभव होता है कि हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले वर्षों में हमारे राष्ट्र को अपना सम्पूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी।

इतिहास की इस श्रृंखला की एक कड़ी होने का बोध हमारे अंदर विनम्रता का संचार करता है। यह बोध हमें उन दिनों की याद दिलाता है जब हमारा देश, विदेशी शासन के अधीन था। राष्ट्र-भक्ति और वीरता से ओत-प्रोत देश-प्रेमियों ने अनेक जोखिम उठाए और सर्वोच्च बलिदान दिए। हम उनकी पावन स्मृति को नमन करते हैं। उनके अथक प्रयासों के बल पर भारत की आत्मा सदियों की नींद से जाग उठी। अंतर-धारा के रूप में सदैव विद्यमान रही हमारी विभिन्न परंपराओं और मूल्यों को, पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारे महान स्वाधीनता सेनानियों ने नई अभिव्यक्ति प्रदान की। मार्गदर्शक-नक्षत्र की तरह, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वाधीनता संग्राम की विभिन्न परंपराओं और उनकी विविध अभिव्यक्तियों को एकजुट किया।’

हमारे समाज में महिलाओं को केवल समानता का ही नहीं, बल्कि समानता से भी ऊपर का दर्जा दिया जाता है। हालांकि, उन्हें परंपरागत पूर्वाग्रहों का कष्ट भी झेलना पड़ा है। लेकिन, मुझे यह जानकर खुशी होती है कि सरकार ने महिला कल्याण और महिला सशक्तीकरण को समान महत्व दिया है। पिछले दशक में इस उद्देश्य के लिए बजट प्रावधान में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। श्रम बल में उनकी भागीदारी बढ़ी है। इस संदर्भ में, जन्म के समय बेटियों के अनुपात में हुए उल्लेखनीय सुधार को सबसे उत्साहजनक विकास कहा जा सकता है। महिलाओं को केंद्र में रखते हुए सरकार द्वारा अनेक विशेष योजनाएं भी लागू की गई हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं का वास्तविक सशक्तीकरण सुनिश्चित करना है।

जलवायु परिवर्तन एक यथार्थ का रूप ले चुका है। विकासशील देशों के लिए अपने आर्थिक प्रतिमानों को बदलना और भी अधिक चुनौतीपूर्ण है। फिर भी, हमने उस दिशा में आशा से अधिक प्रगति की है। Global warming के सबसे गंभीर कुप्रभावों से पृथ्वी को बचाने के लिए मानव समुदाय द्वारा किए जा रहे संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाने पर भारत को गर्व है। मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि आप अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे किन्तु प्रभावी बदलाव करें तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।

न्याय के संदर्भ में, मैं यह भी उल्लेख करना चाहती हूं कि इस वर्ष जुलाई से भारतीय न्याय संहिता को लागू करने में, हमने औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटा दिया है। नई संहिता का उद्देश्य, केवल दंड देने की बजाय, अपराध-पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है। मैं इस बदलाव को स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में देखती हूं।

आज के युवा हमारी स्वतंत्रता की शताब्दी तक के ‘अमृत काल’ को यानी आज से लगभग एक चौथाई सदी के कालखंड को स्वरूप प्रदान करेंगे। उनकी ऊर्जा और उत्साह के बल पर ही हमारा देश नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। युवाओं के मनो-मस्तिष्क को विकसित करना तथा परंपरा एवं समकालीन ज्ञान के सर्वश्रेष्ठ आयामों को ग्रहण करने वाली नई मानसिकता का निर्माण करना हमारी प्राथमिकता है। इस संदर्भ में, वर्ष 2020 से लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिणाम सामने आ रहे हैं।

युवा प्रतिभा का समुचित उपयोग करने के लिए, सरकार ने कौशल, रोजगार तथा अन्य अवसरों को सुलभ बनाने के लिए पहल की है। रोजगार और कौशल के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के माध्यम से पांच वर्षों में चार करोड़ दस लाख युवाओं को लाभ मिलेगा। सरकार की एक नई पहल से पांच वर्षों में एक करोड़ युवा अग्रणी कंपनियों में Internship करेंगे। ये सभी कदम, विकसित भारत के निर्माण में आधारभूत योगदान देंगे।

भारत में, हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी को ज्ञान की खोज के साथ-साथ मानवीयता-पूर्ण प्रगति के साधन के रूप में देखते हैं। उदाहरण के लिए, digital applications के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों का उपयोग अन्य देशों में template के रूप में किया जा रहा है। हाल के वर्षों में, भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। आप सभी के साथ, मैं भी अगले साल होने वाले गगनयान मिशन के शुभारंभ की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रही हूं। इस मिशन के तहत, भारत के पहले मानव अंतरिक्ष यान में, भारतीय अंतरिक्ष टीम को, अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा।

खेल जगत भी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमारे देश ने पिछले दशक में बहुत प्रगति की है। सरकार ने खेल के बुनियादी ढांचे के विकास को समुचित प्राथमिकता दी है और इसके परिणाम सामने आ रहे हैं। हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय दल ने अपना उत्कृष्ट प्रयास किया। मैं खिलाड़ियों की निष्ठा और परिश्रम की सराहना करती हूं। उन्होंने युवाओं में प्रेरणा का संचार किया है। क्रिकेट में भारत ने टी-20 विश्व कप जीता, जिससे बड़ी संख्या में क्रिकेट-प्रेमी आनंदित हुए। शतरंज में विलक्षण प्रतिभा वाले युवा खिलाड़ियों ने देश को गौरवान्वित किया है। इसे शतरंज में भारतीय युग का आरंभ माना जा रहा है। बैडमिंटन, टेनिस और अन्य खेलों में हमारे युवा खिलाड़ी विश्व मंच पर अपनी पहचान बना रहे हैं। उनकी उपलब्धियों ने अगली पीढ़ी को भी प्रेरित किया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल कर, भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल है. इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है.’

Like the guiding star, the Father of the Nation Mahatma Gandhi united the various traditions of the freedom struggle and their diverse expressions: President Draupadi Murmu.

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