देहरादून, सौरभ थपलियाल मेयर नगर निगम देहरादून के नेतृत्व में नगर निगम की टीम द्वारा शंकरपुर स्थित गौशाला का औचक निरीक्षण किया गया। गौशाला के निरीक्षण के दौरान निगम की टीम को विभिन्न स्तर पर अनेक अनियमिताएं पाई गई, जिसपर मेयर ने सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए।

बीते दिन सौरभ थपलियाल मेयर नगर निगम देहरादून ने नमामि बसंल मुख्य नगर आयुक्त व नगर निगम की टीम के साथ शंकरपुर स्थित गौशाला का औचक निरीक्षण किया। शंकरपुर गौशाला का वर्तमान में संचालन और प्रबंधन किसी संस्था द्वारा किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा संस्था को वर्ष सितम्बर 2023 में गौशाला का कार्य आवंटित किया गया था।
निरीक्षण में अधिकतर पशु दयनीय स्थिति में पाये गये। रजिस्टर में दर्ज पशुओं की संख्या की अपेक्षा मौके पर पशुओं की संख्या बहुत कम पायी गयी । मौके पर पशुओं के समुचित प्राथमिक उपचार की कोई व्यवस्था नही थी। पशुओं हेतु कोई एम्बुलेंस व स्टेचर भी उपलब्ध नही था। इसके अलावा पशुओं के उपचार हेतु दी जाने वाली दवाईयां एक्सपाईरी डेट्स की पायी गयी। गौशाला में कोई भी अद्यतन रिकाॅर्ड सत्यापित नही पाये गयें। गौशाला द्वारा मृत पशुओं के कान पर लगें छल्लों को लौटाया नहीं गया हैं। इसके अलावा अन्य कई अनियमितताएं भी उजागर हुई।
इस संबंध में एनिमल एक्टिविस्ट माला मल्होत्रा ने अवगत कराया की उनके द्वारा विगत कई वर्षों से शंकरपुर गौशाला के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग प्रशासन से समय-समय पर की जाती रही है। माला मल्होत्रा ने बताया कि, उक्त शंकरपुर गौशाला में व्याप्त पशु क्रूरता और अनियमितताओं के संदर्भ में 14 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी देहरादून और मुख्य नगर आयुक्त देहरादून को प्रेषित किया गया था। उक्त 14 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर मैंने सौरभ थपलियाल मेयर नगर निगम देहरादून से मुलाकात की और शंकरपुर गौशाला में हो रही अनियमिताओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया था। जिस पर मेयर सौरभ थपलियाल ने यथाशीघ्र प्रभावी कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया था। माला मल्होत्रा ने शंकरपुर गौशाला का प्रबंधन कार्य संभाल रही संस्था के खिलाफ जांच कराने और प्राथमिकी की दर्ज कराए जाने पर मेयर सौरभ थपलियाल का आभार व्यक्त किया है।
सौरभ थपलियाल मेयर नगर निगम देहरादून ने शंकरपुर गौशाला का प्रबंधन कार्य संभाल रही संस्था के विरुद्ध उपरोक्त परस्थिति व सभी तथ्यों के दृष्टिगत सुसंगत धाराओं के अतंर्गत प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही संबंधित पशु चिकित्सक का स्पष्टीकरण मांगे जाने व तद्नुसार कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये गये।