Meeting of the Joint Parliamentary Committee on Wakf Amendment Bill
दिल्ली , वक्फ संशोधन विधेयक पर भाजपा के सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में गठित संयुक्त संसदीय समिति की बैठक हुई। बैठक हंगामेदार रही, कई सदस्यों ने प्रस्तावित कानूनी संशोधनों पर असहमति जताई तथा कुछ देर के लिए बैठक से वाक भी किया।
बैठक में वक्फ के रूप में संपत्ति के वर्गीकरण का निर्धारण करने में प्राथमिकप्राधिकारी के रूप में जिला कलेक्टर को अधिकार देने और केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्डों में गैर-मुसलमानों को शामिल करने के प्रावधान पर विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताईं है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा सदस्य दिलीप सैकिया द्वारा आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के खिलाफ की गई कुछ टिप्पणियों के कारण विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बैठक के दौरान इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स और राजस्थान बोर्ड ऑफ मुस्लिम वक्फ, दोनों के प्रतिनिधि के रूप में एक वकील की उपस्थिति पर आपत्ति जताई गई। वकील की उपस्थिति के मुद्दे पर कांग्रेस सांसदों मोहम्मद जावेद और इमरान मसूद, अरविंद सावंत (शिवसेना-यूबीटी), संजय सिंह (आप), असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम), द्रमुक के ए राजा, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्ला मोहम्मद सहित विपक्षी सदस्यों ने थोड़ी देर के लिए बैठक से वाकआउट किया।
विपक्षी सदस्यों ने वक्फ अधिनियम में उपयोगकर्ता वाला प्रावधान हटाने पर भी चिंता व्यक्त की। विपक्षी सदस्यों ने तर्क दिया कि उत्तर प्रदेश में उपयोगकर्ता प्रावधान द्वारा वक्फ के तहत अधिसूचित एक लाख से अधिक संपत्तियों का स्वामित्व उक्त प्रावधान को हटाने के कारण अधर में लटक जाएगा और अतिक्रमण का रास्ता खुल सकता है। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने एएसआई की याचिका पर बुरहानपुर के स्मारकों पर वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज किया।
उन्होंने तर्क दिया कि ‘उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ’ के साक्ष्य नियम को कानूनी रूप से मान्यता देने से, वक्फ के रूप में लगातार उपयोग किए जाने वाले ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि बैठक में भाजपा सदस्य मेधा कुलकर्णी और ओवैसी के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।
समिति की अगली बैठकें 5-6 सितंबर के लिए निर्धारित हैं। और संस्कृति औसमिति के अध्यक्ष विभिन्न हितधारकों के बीच विचार-विमर्श के लिए बैठकों का सिलसिला और बढ़ाने के इच्छुक हैं। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया में सुधार के उद्देश्य से भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की पहली बड़ी पहल है।
बता दें कि, वक्फ संशोधन विधेयक में कई सुधारों का प्रस्ताव है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिम प्रतिनिधियों के प्रतिनिधित्व के साथ राज्य वक्फ बोर्डों समेत एक केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना शामिल है। विधेयक का एक विवादास्पद प्रावधान, जिलाधिकारी को यह निर्धारित करने के लिए प्राथमिक प्राधिकरण के रूप में नामित करने का प्रस्ताव करता है कि क्या संपत्ति को वक्फ या सरकारी भूमि के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
Meeting of the Joint Parliamentary Committee on Wakf Amendment Bill
