दिल्ली, राउज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल चीफ मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने सुनवाई के दौरान बृजभूषण की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव मोहन से कहा कि जितनी सुनवाई आरोप तय करने पर हुई है उतने में तो आधा ट्रायल हो जाता।
बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। बृजभूषण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। पुलिस ने इस मामले में 1599 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें आरोपी बृजभूषण शरण सिंह और भारतीय कुश्ती संघ के सेक्रेटरी विनोद तोमर के खिलाफ केस का जिक्र किया गया है।
बृजभूषण की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव मोहन ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में दलील दी कि पाश अधिनियम के तहत ओवरसाइट कमेटी की तुलना आंतरिक शिकायत कमेटी से हो सकती है। इसलिए, महिला पहलवानों के ओवरसाइट कमेटी के समक्ष दिए गए बयान उनके पिछले बयान माने जाएंगे।
बृजभूषण के वकील ने कहा कि अगर कोई अजनबी किसी को गले लगता है तो यह समझ में आता है कि उसकी नीयत सही नहीं थी। लेकिन खेल के कार्यक्रम में जहां अमूमन खिलाड़ी एक-दूसरे को गले लगाते हैं वहां पर नीयत पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने दिल्ली की दो घटनाओं का जिक्र किया है और घटना की तारीखें बार-बार बदली। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं के सभी आरोप या तो दिल्ली के बाहर के हैं या देश के ही बाहर के हैं, ऐसे में जिस जगह का क्षेत्राधिकार है, वहां पर शिकायत की जानी चाहिए।
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने बृजभूषण की दलीलों का विरोध करते हुए तर्क दिया कि ओरवसाइट कमेटी पाश अधिनियम के अंतर्गत गठित समिति नहीं है। कोर्ट ने अगली तारीख 21 अक्टूबर 2023 निश्चित की है।