November 2, 2025

दोषसिद्धि के बाद सांसदों और विधायकों की आजीवन अयोग्यता का सुझाव!

दिल्ली: एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) ने दोषसिद्धि के बाद सांसदों और विधायकों की अयोग्यता के संबंध में सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में ‘किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए विधायकों और सांसदों के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाने की सिफारिश की गई है। वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की त्वरित सुनवाई से संबंधित एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट की सहायता कर रहे हैं।

वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया एमिकस क्यूरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 और लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद ‘निर्वाचित प्रतिनिधियों (सांसदों/विधायकों) के खिलाफ आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान’ पर अपनी 19वीं रिपोर्ट प्रस्तुत की है । रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि,’चूंकि छह साल की अवधि के लिए एक निर्वाचित प्रतिनिधि की अयोग्यता के बीच कोई संबंध नहीं है। दोषी की रिहाई और उसे विधायिका का सदस्य बनने से अयोग्य घोषित करने के उद्देश्य से, यह स्पष्ट रूप से मनमाना और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।’ हंसारिया की यह रिपोर्ट 2016 में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं के एक समूह पर आई है, जिसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा मामलों के शीघ्र निपटान की मांग की गई है।

विजय हंसारिया का सुझाव है कि सरकार में कई महत्वपूर्ण पद हैं, जैसे केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, लोकपाल और अन्य, जहां लोगों को अयोग्य ठहराया जा सकता है या हटाया जा सकता है यदि उन्हें किसी ऐसे अपराध का दोषी ठहराया जाता है जिसमें बेईमानी या नैतिक गलत काम शामिल है। हंसारिया ने रिपोर्ट में कहा कि,विधायिका का सदस्य बनने से अयोग्य घोषित करने के उद्देश्य से दोषी की रिहाई के बाद से छह साल की अवधि के लिए अयोग्यता को सीमित करने के लिए कोई नेक्सस नहीं है। धारा 8 की उप-धारा (1), (2) और (3) के प्रावधान, जिस हद तक वे प्रदान करते हैं, उसकी रिहाई के बाद से छह साल की अतिरिक्त अवधि के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा, जो स्पष्ट रूप से मनमाना है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया एमिकस क्यूरी की दोषसिद्धि के बाद सांसदों और विधायकों की अयोग्यता के संबंध में दिए गए सुझाव संज्ञेय अपराधों के दोषियों पर संभवत: लागू किए जा सकते हैं। लेकिन साधारण अपराधों में दोषी घोषित किए गए सांसदों एवं विधायकों के मामले में न्याय संगत नहीं होंगे

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