मुंबई , नोएल टाटा ‘टाटा ट्रस्ट’ के निर्विरोध चेयरमैन चुने गए हैं। नवनिर्वाचित चेयरमैन नोएल टाटा ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि, मैं अपने साथी ट्रस्टियों द्वारा मुझे दी गई जिम्मेदारी से बहुत सम्मानित और विनम्र महसूस कर रहा हूं। मैं रतन एन. टाटा और टाटा समूह के संस्थापकों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हूं। उन्होंने कहा कि एक सदी से भी पहले स्थापित टाटा ट्रस्ट सामाजिक दायित्व निर्वहन के लिए एक अनूठा माध्यम है। इस पवित्र अवसर पर मैं अपने विकासात्मक और परोपकारी पहलों को आगे बढ़ाने और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए खुद को फिर से समर्पित करूंगा।
वर्तमान में नोएल टाटा अभी सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट्स और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल के पिता का नाम नवल एच. टाटा और मां सिमोन एन. टाटा है। वह निर्विरोध टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन चुने गए हैं। नोएल पिछले करीब चार दशक से टाटा समूह का हिस्सा हैं और टाटा ग्रुप की कई कंपनियों के बोर्ड में शामिल हैं।
नोएल टाटा मीडिया से दूर रहना पसंद करते हैं। उनके काम करने की स्टाइल लो-प्रॉफिट लीडरशिप है। उनके काम करने की स्टाइल दिवंगत रतन टाटा से एकदम अलग है। जहां रतन टाटा फ्रंट पर आकर कंपनी की कमान संभाला करते थे। हर फैसले में एक्टिव रोल निभाते थे। जबकि नोएल टाटा चुपचाप पर्दे के पीछे काम किया करते हैं। पब्लिक में ज्यादा नहीं नजर नहीं आते हैं। उन्हें मीडिया और फोकस में रहना पसंद नहीं है। उन्हें 1998 में उन्हें ट्रेंट का एमडी बनाया गया था, तब एक स्टोर से 700 स्टोर भारत में खोल चुके हैं। वह टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के प्रेसिडेंट हैं। इसके अलावा टाइटन कंपनी लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट भी हैं। बता दें हाल ही में टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड ने उनके मैनेजिंग डायरेक्टर रहते हुए कई अरब की कमाई की है।
नोएल ने ब्रिटेन की सक्सेस यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम की पढ़ाई की है। नोएल टाटा के 3 बच्चे लिया, माया और नेविल हैं, जो टाटा ग्रुप में अलग-अलग महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।
Noel Tata elected unopposed chairman of ‘Tata Trust’.