दिल्ली। जम्मू क्षेत्र में आतंकवादियों के सफाए के लिए अब भारतीय सेना ने अपने जवानों की संख्या बढ़ा दी है। रक्षा सूत्रों ने जानकारी दी है कि, इस इलाके में लगभग 500 पैरा स्पेशल फोर्स कमांडो को तैनात किया है। यहां जंगलों में 50 से 60 आतंकवादियों के सक्रिय होने की संभावना है।
इसके अलावा खुफिया एजेंसियों ने भी क्षेत्र में अपने तंत्र को मजबूत किया है और आतंकवादियों का समर्थन करने वाले ओवरग्राउंड लोगों सहित आतंकवादी समर्थन बुनियादी ढांचे को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेना ने यहां पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की का मुकाबला करने के लिए पहले ही लगभग चार हजार सुरक्षाकर्मी कर्मियों के अतिरिक्त सेना के जवान तैनात किए हैं।
जम्मू में सेना के अधिकारी आतंकवादियों की तलाश और उन्हें नष्ट करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेना के पास पहले से ही क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी बुनियादी ढांचा मौजूद है, जिसमें रोमियो और डेल्टा बलों के साथ-साथ राष्ट्रीय राइफल्स की दो सेनाओं के साथ अन्य नियमित पैदल सेना डिवीजन भी मौजूद हैं। आतंकवादियों के सफाये के लिए इंटर कमांड चेंज किया गया है। कठुआ , सांबा , कठुआ समेत डोडा , बदरवाह, किश्तवाड़ में सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई है।
बीते दिनों जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में, पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ में एक कैप्टन समेत सेना के चार जवान शहीद हो गए थे। जम्मू क्षेत्र में तीन हफ्तों में यह तीसरी बड़ी आतंकी घटना थी। सोमवार रात हुए इस हमले से सप्ताह भर पहले कठुआ जिले में आतंकवादियों ने सेना के गश्ती वाहन पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए थे और इतनी संख्या में सैन्य कर्मी घायल हुए। वहीं इसी सोमवार को दार्जिलिंग के रहने वाले कैप्टन बृजेश थापा, आंध्र प्रदेश के नायक डोक्कारी राजेश, तथा राजस्थान के सिपाही बिजेन्द्र और अजय कुमार सिंह देसा वन क्षेत्र में हुई गोलीबारी में घायल हो गए थे। वहां राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों ने घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया था।
Now the Indian Army has increased the number of its soldiers to eliminate terrorists in Jammu region.
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