प्रधानमंत्री मोदी ने डिब्रूगढ़ में 10.6 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना की रखी आधारशिला,
Asam, 21 December 2025,
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप में असम वैली उर्वरक और रसायन कंपनी लिमिटेड की अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना की आधारशिला रखी। किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, 10,600 करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित निवेश वाली यह परियोजना असम और पड़ोसी राज्यों की उर्वरक आवश्यकताओं को पूरा करेगी, आयात पर निर्भरता कम करेगी, पर्याप्त रोजगार सृजित करेगी और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगी।
इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह चाओलुंग सुखापा और महावीर लछित बोडफुकन जैसे महान नायकों की भूमि है। उन्होंने भीमबर देउरी, शहीद कुशल कुंवर, मोरन राजा बोदूसा, मालती मेम, इंदिरा मीरी, स्वर्गदेव सरबानंदा सिंह और वीर सती साधनी के योगदान को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे उजानी असम की पवित्र भूमि, इस वीरता और बलिदान की महान भूमि को नमन करते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि नामरूप और डिब्रूगढ़ का लंबे समय से प्रतीक्षित सपना साकार हो गया है और इस क्षेत्र में औद्योगिक प्रगति का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि कुछ ही समय पहले उन्होंने अमोनिया-यूरिया उर्वरक संयंत्र का भूमि पूजन किया और डिब्रूगढ़ पहुंचने से पहले गुवाहाटी हवाई अड्डे के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी कह रहे हैं कि असम ने अब विकास की एक नई रफ्तार पकड़ ली है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज जो कुछ हो रहा है वह तो बस शुरुआत है और असम को अभी और आगे ले जाना है। उन्होंने अहोम साम्राज्य के दौरान असम की ताकत और भूमिका को याद करते हुए कहा कि विकसित भारत में असम उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने नए उद्योगों की शुरुआत, आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण, सेमीकंडक्टर विनिर्माण, कृषि में नए अवसरों, चाय बागानों और उनके श्रमिकों की उन्नति और पर्यटन में बढ़ती संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि असम हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि असम की गरिमा बढ़ाने वाले हर प्रयास को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने कहा कि जब वे ऐसा कोई काम करते हैं, तो विपक्ष को सबसे ज्यादा असुविधा होती है। उन्होंने याद दिलाया कि जब सरकार ने भूपेन हजारिका को भारत रत्न से सम्मानित किया, तो विपक्ष ने खुलेआम इसका विरोध किया और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने टिप्पणी की, ‘मोदी गायकों और कलाकारों को भारत रत्न दे रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि असम में सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना के समय भी विपक्ष ने इसका विरोध किया था। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि दशकों तक विपक्षी सरकार ने चाय बागान समुदाय के भाइयों और बहनों को भूमि अधिकार देने से इनकार किया, जबकि उनकी सरकार ने उन्हें भूमि अधिकार और सम्मानजनक जीवन दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष राष्ट्रविरोधी सोच को बढ़ावा दे रहा है और अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए असम के जंगलों और जमीनों पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने की कोशिश कर रहा है।
असम के राज्यपाल श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्व सरमा, केंद्रीय मंत्री श्री सरबानंद सोनोवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
