देहरादून 26 अगस्त 2023,
बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस की अपनी चार दिवसीय यात्रा के बाद आज बेंगलुरु पहुंचे। प्रधानमंत्री ने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया, बाद में उन्होंने ग्रीस का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने कई द्विपक्षीय बैठकें की और कई स्थानीय विचारकों और नेताओं के साथ मुलाकात की। उन्होंने दोनों देशों में सक्रिय भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री, जिन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चंद्रयान-3 मून लैंडर की लैंडिंग देखी थी, इसरो टीम के साथ बातचीत करने के लिए आज बेंगलुरु पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एचएएल हवाई अड्डे के बाहर भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने एकत्रित नागरिकों को जय जवान, जय किसान के साथ अपना संबोधन शुरू किया और इसमें जय विज्ञान, जय अनुसंधान जोड़ा। श्री मोदी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस में भी भारत की अभूतपूर्व सफलता को लेकर समान उत्साह है। यहां से प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-3 टीम से मुलाकात करने के लिए इसरो के लिए रवाना हुए।
बेंगलुरु पंहुच कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) का दौरा किया और चंद्रयान-3 की सफलता पर टीम इसरो को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-3 मिशन में शामिल इसरो के वैज्ञानिकों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की, जहां उन्हें चंद्रयान-3 मिशन के परिणामों और प्रगति के बारे में भी जानकारी दी गई। इस दौरान श्री मोदी ने कहा कि, 21वीं सदी के इस दौर में, जो देश विज्ञान और तकनीक में नेतृत्व करेगा, वही देश आगे बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने इसरो की टीम को संबोधित किया “मैं आपके परिश्रम, समर्पण, साहस, तप और लग्न को नमन करने के लिए आपसे मिलने को उत्सुक था। भारत अब चंद्रमा पर है! हमने अपने राष्ट्रीय गौरव को चंद्रमा तक पहुंचाया है।नया भारत 21वीं सदी में दुनिया की बड़ी समस्याओं का समाधान करेगा। टचडाउन का क्षण इस सदी के सबसे प्रेरणादायक क्षणों में से एक है। आज पूरी दुनिया भारत की वैज्ञानिक भावना, हमारी तकनीक और हमारे वैज्ञानिकों का लोहा मान रही है और उसे स्वीकार कर रही है। हमारे ‘मून लैंडर’ ने ‘अंगद’ की तरह चंद्रमा पर मजबूती से अपना पैर जमा लिया है। चंद्रयान-3 का लैंडर जिस स्थान पर उतरा था, उसे अब ‘शिव शक्ति’ के नाम से जाना जाएगा। चंद्रमा की सतह पर वह स्थान जहां चंद्रयान-2 ने अपने निशान छोड़े हैं, उसे ‘तिरंगा’ के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, अब से, हर वर्ष, 23 अगस्त का दिन राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा।