उत्तराखंड, पिथौरागढ़ की विशाल जनसभा में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के लोगों के अभूतपूर्व प्यार, स्नेह और आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त किया और कहा, “यह स्नेह की गंगा बहने की तरह था।” श्री मोदी ने अध्यात्म और वीरता की भूमि विशेषकर साहसी माताओं को नमन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बैद्यनाथ धाम में जय बद्री विशाल के उद्घोष से गढ़वाल राइफल्स के जवानों का जोश और उत्साह बढ़ता है और गंगोलीहाट के काली मंदिर में घंटियों की ध्वनि कुमाऊं रेजिमेंट के जवानों में नए साहस का संचार करती है। मानसखंड में प्रधानमंत्री ने बैद्यनाथ, नंदादेवी, पूर्णागिरि, कसारदेवी, कैंचीधाम, कटारमल, नानकमत्ता, रीठा साहिब और अनेक अन्य मंदिरों का उल्लेख किया जो इस भूमि की भव्यता और विरासत को दर्शाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब भी मैं आपके बीच उत्तराखंड में होता हूं, हमेशा खुद को धन्य समझता हूं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुरूवार को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में ग्रामीण विकास, सड़क, बिजली, सिंचाई, पेयजल, बागवानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन सहित अन्य क्षेत्रों में लगभग 4200 करोड़ रुपये की अनेक विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित की। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित उत्तराखंड सरकार के अन्य मंत्री उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार उत्तराखंड के लोगों की प्रगति और जीवन को आसान बनाने के लिए पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ काम कर रही है।” प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के साथ अपने लंबे जुड़ाव और निकटता को याद किया। नारीशक्ति वंदन अधिनियम के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने राज्य से मिले समर्थन और प्रतिक्रिया का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने भारत की विकास की प्रगति और चुनौतियों से घिरे वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत आवाज का उल्लेख किया। उन्होंने जी20 की अध्यक्षता और शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए भारत की वैश्विक सराहना का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने देश की सफलता का श्रेय लोगों को दिया क्योंकि उन्होंने लंबे अंतराल के बाद केंद्र में एक स्थिर और मजबूत सरकार चुनी। उन्होंने कहा कि उन्हें 140 करोड़ भारतीयों का भरोसा और विश्वास प्राप्त है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने चंद्रयान का उल्लेख किया, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने में कामयाब रहा और इसने वह उपलब्धि हासिल की, जिसे अब तक कोई देश प्राप्त नहीं कर सका है। प्रधानमंत्री ने कहा, “जिस स्थान पर चंद्रयान उतरा, उसका नाम शिव शक्ति रखा गया है और इस प्रकार उत्तराखंड की पहचान अब चंद्रमा पर भी मौजूद है।” उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कदम-कदम पर शिव शक्ति योग देखने को मिलता है।
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि वर्तमान सरकार ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ की उनकी दशकों पुरानी मांग को पूरा किया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना के तहत पूर्व सैनिकों को अब तक 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की जा चुकी है, जिससे पूर्व सैनिकों के 75,000 से अधिक परिवारों को अत्यधिक लाभ हुआ है।उन्होंने बताया कि पिछले 9 वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों में 4,200 किमी से अधिक सड़कें, 250 पुल और 22 सुरंगें निर्मित की गई हैं। प्रधानमंत्री ने आज की परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि रेलवे को सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचाने की योजना पर काम चल रहा है। उत्तराखंड की आपदाग्रस्त होने की प्रकृति को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 4-5 वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर 4000 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे। उन्होंने कहा, “’उत्तराखंड में ऐसी सुविधाएं निर्मित की जायेंगी ताकि आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा सके।”
प्रधानमंत्री द्वारा जिन परियोजनाओं का उद्घाटन व राष्ट्र को समर्पित किया गया उनमें पीएमजीएसवाई के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित 76 ग्रामीण सड़कें और 25 पुल; 9 जिलों में बीडीओ कार्यालयों के 15 भवन; केंद्रीय सड़क निधि के तहत निर्मित तीन सड़कों यानी कौसानी बागेश्वर रोड, धारी-दौबा-गिरिछीना रोड और नगला-किच्छा रोड का उन्नयन; राष्ट्रीय राजमार्गों पर दो सड़कों यानी अल्मोडा पेटशाल – पनुवानौला – दन्या (एनएच 309बी) और टनकपुर – चल्थी (एनएच 125) का उन्नयन; पेयजल से संबंधित तीन परियोजनाएं यानी 38 पंपिंग पेयजल योजनाएं, 419 गुरुत्वाकर्षण पर आधारित जलापूर्ति योजनाएं और तीन ट्यूबवेल आधारित जल आपूर्ति योजनाएं; पिथोरागढ़ में थरकोट कृत्रिम झील; 132 केवी पिथौरागढ-लोहाघाट (चंपावत) पावर ट्रांसमिशन लाइन; उत्तराखंड में 39 पुल और विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित उत्तराखंड आपदा रिकवरी परियोजना के तहत देहरादून में बनाई गई उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की इमारत शामिल हैं।
जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें 21,398 पॉली-हाउस के निर्माण की योजना, जिससे फूलों एवं सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने और उनकी गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी; उच्च घनत्व वाले सघन सेब के बगीचों की खेती के लिए एक योजना; राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के उन्नयन के लिए पांच परियोजनाएं; राज्य में आपदा तैयारियों और सुदृढ़ता के लिए कई कदम यानी पुलों का निर्माण, देहरादून में स्थित राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र का उन्नयन, बलियानाला व नैनीताल में भूस्खलन की रोकथाम के लिए कदम तथा आग, स्वास्थ्य एवं वन से संबंधित अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार; राज्य भर के 20 मॉडल डिग्री कॉलेजों में छात्रावास एवं कंप्यूटर लैब का विकास; अल्मोडा के सोमेश्वर में 100 बिस्तरों वाला उप जिला अस्पताल; चंपावत में 50 बिस्तरों वाला अस्पताल ब्लॉक; नैनीताल के हल्दवानी स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान; रुद्रपुर में वेलोड्रोम स्टेडियम; जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा), हाट कालिका (पिथौरागढ़) और नैना देवी (नैनीताल) मंदिरों सहित विभिन्न मंदिरों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना शामिल हैं।