दिल्ली , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। मंत्रिमंडल ने कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जल प्रबंधन के आधुनिकीकरण, हरियाणा और पंजाब के जीरकपुर -पटियाला-परतापुर बाईपास निर्माण और तमिलनाडु में तिरुपति-पाकला-कटपडी एकल रेलवे लाइन खंड के दोहरीकरण को स्वीकृति दी है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 2025-2026 की अवधि के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) की उप-योजना के रूप में कमान क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन (एम-सीएडीडब्ल्यूएम) के आधुनिकीकरण को मंजूरी दे दी। इस योजना का आरंभिक कुल परिव्यय 1600 करोड़ रुपये है।
इस योजना का उद्देश्य, मौजूदा नहरों या अन्य स्रोतों से निर्दिष्ट क्लस्टर में सिंचाई जल की आपूर्ति के लिए सिंचाई जल आपूर्ति नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना है। यह दबावयुक्त भूमिगत पाइप सिंचाई द्वारा एक हेक्टेयर तक स्थापित स्रोत से खेत तक किसानों द्वारा सूक्ष्म सिंचाई के लिए मजबूत बैकएंड बुनियादी ढांचा तैयार करेगा। जल की मात्र दर्ज करने और जल प्रबंधन के लिए एससीएडीए, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे खेत स्तर पर जल उपयोग दक्षता और कृषि उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता बढ़ेगी, इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
प्रारंभिक स्वीकृति, राज्यों का चुनौतीपूर्ण वित्तपोषण करके देश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में पायलट परियोजनाओं को शुरू करने के लिए दी गई है। इन परियोजनाओं के डिजाइन और संरचना से प्राप्त अनुभवों के आधार पर, 16वें वित्त आयोग की अवधि के लिए अप्रैल 2026 से कमान क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय योजना शुरू की जाएगी।
* आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने पंजाब और हरियाणा राज्य में एनएच (ओ) के तहत हाइब्रिड एन्युटी मोड पर एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) के साथ जंक्शन से शुरू होकर एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के साथ जंक्शन पर समाप्त होने वाले 6 लेन जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दे दी है, जिसकी कुल लंबाई 19.2 किलोमीटर है। यह पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान सिद्धांत के तहत एकीकृत परिवहन इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। परियोजना की कुल पूंजी लागत 1878.31 करोड़ रुपये है।
जीरकपुर बाईपास, जीरकपुर में एनएच-7 (चंडीगढ़-बठिंडा) के जंक्शन से शुरू होता है और पंजाब में पंजाब सरकार के मास्टर प्लान का अनुसरण करता है तथा हरियाणा के पंचकूला में एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के जंक्शन पर समाप्त होता है, जिससे पंजाब में जीरकपुर और हरियाणा में पंचकूला के अत्यधिक शहरीकृत और भीड़भाड़ वाले हिस्से से बचा जा सकेगा।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पटियाला, दिल्ली, मोहाली एरोसिटी से यातायात को हटाकर हिमाचल प्रदेश को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करके ज़ीरकपुर, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में भीड़भाड़ को कम करना है। वर्तमान प्रस्ताव का उद्देश्य यात्रा के समय को कम करना और एनएच-7, एनएच -5 और एनएच -152 के भीड़भाड़ वाले शहरी खंड में निर्बाध यातायात सुनिश्चित करना है। सरकार ने चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली शहरी क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करने के लिए सड़क नेटवर्क विकसित करने का काम शुरू किया है, जो मानचित्र में दर्शाए अनुसार रिंग रोड का रूप लेगा। जीरक
*आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में तिरुपति-पाकला-कटपडी एकल रेलवे लाइन खंड (104 किमी) के दोहरीकरण को स्वीकृति दे दी है, जिसकी कुल लागत लगभग 1332 करोड़ रुपये है।
बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में सुधार होगा, जिससे भारतीय रेलवे की दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में वृद्धि होगी। मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों पर आवश्यक बुनियादी ढांचागत विकास होगा। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी के नए भारत के विजन के अनुरूप है, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के जरिए क्षेत्र के लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएगा, जिससे उनके लिए रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बेहतर होंगे।
यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के जरिए संभव हुआ है और लोगों, वस्तुओं तथा सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तीन जिलों को कवर करने वाली यह परियोजना भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 113 किलोमीटर तक बढ़ाएगी।
तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर तक कनेक्टिविटी के साथ-साथ परियोजना खंड अन्य प्रमुख स्थलों जैसे श्री कालहस्ती शिव मंदिर, कनिपकम विनायक मंदिर, चंद्रगिरी फोर्ट आदि तक भी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना करीब 400 गांवों और लगभग 14 लाख आबादी के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाएगी।