Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the pennews domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/hy55hp3a22dd/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी "मन की बात" की 117वीं कड़ी :संविधान हमारे लिए गाइडिंग-लाइट है, हमारा मार्गदर्शक है। - Separato Spot Witness Times
राष्ट्रीय समाचार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “मन की बात” की 117वीं कड़ी :संविधान हमारे लिए गाइडिंग-लाइट है, हमारा मार्गदर्शक है।

दिल्ली , “मन की बात” की 117वीं कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा , हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष होने जा रहे हैं। हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है। हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें जो संविधान सौंपा है वो समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। संविधान हमारे लिए गाइडिंग-लाइट है, हमारा मार्गदर्शक है। ये भारत का संविधान ही है जिसकी वजह से मैं आज यहाँ हूँ, आपसे बात कर पा रहा हूँ। इस साल 26 नवंबर को संविधान दिवस से एक साल तक चलने वाली कई एक्टिविटीज शुरू हुई हैं। देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए constitution75.com नाम से एक खास वेबसाइट भी बनाई गई है। अलग-अलग भाषाओं में संविधान पढ़ सकते हैं, संविधान के बारे में प्रश्न भी पूछ सकते हैं। ‘मन की बात’ के श्रोताओं से, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से, कॉलेज में जाने वाले युवाओं से, मेरा आग्रह है, इस वेबसाइट पर जरूर जाकर देखें, इसका हिस्सा बनें।

2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा, साथियो, अगले महीने 13 तारीख से प्रयागराज में महाकुंभ भी होने जा रहा है। महाकुंभ की विशेषता केवल इसकी विशालता में ही नहीं है। कुंभ की विशेषता इसकी विविधता में भी है। इस आयोजन में करोड़ों लोग एक साथ एकत्रित होते हैं। लाखों संत, हजारों परम्पराएँ, सैकड़ों संप्रदाय, अनेकों अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बनता है। कहीं कोई भेदभाव नहीं दिखता है, कोई बड़ा नहीं होता है, कोई छोटा नहीं होता है। अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा। इसलिए हमारा कुंभ एकता का महाकुंभ भी होता है। इस बार का महाकुंभ भी एकता के महाकुंभ के मंत्र को सशक्त करेगा। मैं आप सबसे कहूँगा, जब हम कुंभ में शामिल हों, तो एकता के इस संकल्प को अपने साथ लेकर वापस आयें। हम समाज में विभाजन और विद्वेष के भाव को नष्ट करने का संकल्प भी लें। अगर कम शब्दों में मुझे कहना है तो मैं कहूँगा…

‘महाकुंभ का संदेश, एक हो पूरा देश। महाकुंभ का संदेश, एक हो पूरा देश’।

‘गंगा की अविरल धारा, न बँटे समाज हमारा। गंगा की अविरल धारा, न बँटे समाज हमारा।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मन की बात’ यानि एमकेबी में अब बात केटीबी की, जो बड़े बुजुर्ग हैं, उनमें से, बहुत से लोगों को केटीबी के बारे में पता नहीं होगा। लेकिन जरा बच्चों से पूछिए केटीबी उनके बीच बहुत ही सुपरहिट है। केटीबी यानि कृष, तृष और बाल्टीबॉय। आपको शायद पता होगा बच्चों की पसंदीदा एनीमेशन सीरीज श और उसका नाम है केटीबी – भारत हैं हम और अब इसका दूसरा सीजन भी आ गया है। ये तीन एनीमेशन कैरक्टर हमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन नायक-नायिकाओं के बारे में बताते हैं जिनकी ज्यादा चर्चा नहीं होती। हाल ही में इसका सेशन-2 बड़े ही खास अंदाज में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया गोवा में लांच हुआ।

प्रधानमंत्री ने भारत की क्रिएटिव टैलेंट को दुनिया के सामने रखने का एक बहुत बड़ा अवसर आ रहा है। अगले साल हमारे देश में पहली बार वर्ल्ड ऑडियो विजुअल इंटरटेनमेंट समिट यानि वेब समिट का आयोजन होने वाला है। आप सभी ने दावोस के बारे में सुन होगा जहां दुनिया के अर्थजगत के महारथी जुटते हैं। उसी तरह वेब समिट समिट में दुनिया-भर के मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के दिग्गज, क्रिएटिव श वर्ल्ड के लोग भारत आएंगे। यह समिट भारत को ग्लोबल कंटेंट क्रिएशन का हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।ए ये बातें, ये घटनाएं, सिर्फ सफलता की कहानियाँ नहीं है। ये हमारी सांस्कृतिक विरासत की भी गाथाएं हैं। ये उदाहरण हमें गर्व से भर देते हैं। आर्टशं से आयुर्वेद तक और लैंग्वेज से म्यूजिक तक, भारत में इतना कुछ है, जो दुनिया में छा रहा है।

माओवादी हिंसा और नक्सलियों पर प्रहार करते हुए कहा कि, हमारे बस्तर में एक अनूठा ओलंपिक शुरू हुआ है ।बस्तर में एक नई क्रांति जन्म ले रही है। मेरे लिए ये बहुत ही खुशी की बात है कि बस्तर ओलंपिक का सपना साकार हुआ है। आपको भी ये जानकार अच्छा लगेगा कि यह उस क्षेत्र में हो रहा है, जो कभी माओवादी हिंसा का गवाह रहा है। बस्तर ओलंपिक का शुभंकर है – ‘वन भैंसा’ और ‘पहाड़ी मैना’। इसमें बस्तर की समृद्ध संस्कृति की झलक दिखती है। इस बस्तर खेल महाकुंभ का मूल मंत्र है –‘करसाय ता बस्तर बरसाए ता बस्तर’यानि ‘खेलेगा बस्तर – जीतेगा बस्तर’।

अपनी जागरूकता और संकल्प शक्ति से हम क्या कुछ हासिल कर सकते हैं। अब भारत में समय पर कैंसर का इलाज शुरू होने की संभावना काफी बढ़ गई है। समय पर इलाज का मतलब है –कैंसर मरीज का ट्रीटमेंट 30 दिनों के भीतर ही शुरू हो जाना और इसमें बड़ी भूमिका निभाई है – ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने। इस योजना की वजह से कैंसर के 90 प्रतिशत मरीज, समय पर अपना इलाज शुरू करा पाए हैं। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि पहले पैसे के अभाव में गरीब मरीज कैंसर की जांच में, उसके इलाज से कतराते थे। अब ‘आयुष्मान भारत योजना’ उनके लिए बड़ा संबल बनी है। अब वो आगे बढ़कर अपना इलाज कराने के लिए आ रहे हैं।

ओडिशा के कालाहांडी के एक ऐसे प्रयास की बात बताना चाहता हूँ, जो कम पानी और कम संसाधनों के बावजूद सफलता की नई गाथा लिख रहा है। ये है कालाहांडी की ‘सब्जी क्रांति’। जहां, कभी किसान, पलायन करने को मजबूर थे, वहीं आज, कालाहांडी का गोलामुंडा ब्लॉक एक वेजिटेबल हब बन गया है। यह परिवर्तन कैसे आया? इसकी शुरुआत सिर्फ 10 किसानों के एक छोटे से समूह से हुई। इस समूह ने मिलकर एक एफपीओ- ‘किसान उत्पाद संघ’ की स्थापना की, खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया, और आज उनका ये एफपीओ करोड़ों का कारोबार कर रहा है। आज 200 से अधिक किसान इस एफपीओ से जुड़े हैं, जिनमें 45 महिला किसान भी हैं। ये लोग मिलकर 200 एकड़ में टमाटर की खेती कर रहे हैं, 150 एकड़ में करेले का उत्पादन कर रहे हैं। अब इस एफपीओ का सालाना टर्न ओवर भी बढ़कर डेढ़ करोड़ से ज्यादा हो गया है।

Related posts

पेट्रोल-डीजल होगा महंगा! सरकार ने 2 रुपये बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी

पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के 3 वर्ष:गतिशक्ति के कारण भारत विकसित भारत के सपने को पूरा करेगा।

Dharmpal Singh Rawat

जम्मू कश्मीर की शांति में जो भी खलल डालना चाहेगा, उससे हम सख्ती से निपटेंगे:केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह।

Dharmpal Singh Rawat

Leave a Comment