दिल्ली , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्तमान में आज 10 से 12 फरवरी तक तीन दिवसीय यात्रा पर फ्रांस जा रहे हैं और फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के साथ एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे। इसके बाद वे 12 और 13 फरवरी को अमेरिका यात्रा पर जाएंगे। यह जनवरी में ट्रंप के व्हाइट हाउस लौटने के बाद उनकी पहली यात्रा होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया को बताया कि, राष्ट्रपति मैक्रों के निमंत्रण पर मैं 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस की यात्रा पर रहूंगा। मैं पेरिस में एआई कार्य शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हूं, जो विश्व के दिग्गज नेताओं और विश्व स्तर की प्रौद्योगिकी कंपनियों के सीईओ का एक सम्मेलन है, जहां हम समावेशी, सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से नवाचार और सभी लोगों के कल्याण हेतु एआई प्रौद्योगिकी के लिए सहयोगी दृष्टिकोण पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
मेरी यात्रा के द्विपक्षीय खंड में मेरे मित्र राष्ट्रपति मैक्रों के साथ भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए 2047 क्षितिज कार्य योजना पर प्रगति की समीक्षा करने का अवसर मिलेगा। हम फ्रांस में पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करने के लिए फ्रांस के ऐतिहासिक शहर मार्सिले की यात्रा भी करेंगे और अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर परियोजना का भी दौरा करेंगे, जिसमें भारत फ्रांस सहित भागीदार देशों के संघ का सदस्य है, ताकि वैश्विक कल्याण के लिए ऊर्जा का दोहन किया जा सके। मैं प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को मजारग्यूज युद्ध समाधि स्थल में श्रद्धांजलि भी अर्पित करूंगा।
फ्रांस से मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के निमंत्रण पर 12 और 13 फरवरी को अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा पर जाऊंगा। मैं अपने मित्र राष्ट्रपति ट्रम्प से मिलने के लिए उत्सुक हूं। हालांकि जनवरी में उनकी ऐतिहासिक चुनावी जीत और शपथ ग्रहण के बाद यह हमारी पहली मुलाकात होगी, लेकिन मुझे उनके पहले कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी बनाने में साथ काम करने की बहुत अच्छी याद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, यह यात्रा राष्ट्रपति ट्रम्प के पहले कार्यकाल में हमारे सहयोग की सफलताओं को आगे बढ़ाने और प्रौद्योगिकी, व्यापार, रक्षा, ऊर्जा तथा सुदृढ़ आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्रों सहित हमारी साझेदारी को पहले से ज्यादा बढ़ाने तथा गहरा करने के लिए एक एजेंडा विकसित करने का अवसर होगी। हम अपने-अपने देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए मिलकर काम करेंगे और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करेंगे।