दिल्ली, कांग्रेस की’भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में आज एक सभा में राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा , जनता के मुद्दों को उठाने का माध्यम है। आज हिंदुस्तान में बहुत बेरोजगारी और महंगाई है। आमतौर पर विपक्ष की आवाज को मीडिया उठाता है, लेकिन आज भाजपा – आरएसएस ने मीडिया पर कब्जा कर लिया है। वे सारे मीडिया संस्थानों पर दबाव बनाकर जनता के मुद्दों को उठाने से रोकते हैं। जनता के मुद्दों को उठाने का यही एक तरीका है, इसलिए हमने यह यात्रा शुरू की। उन्होंने कहा, देश में फैले सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय के खिलाफ ‘न्याय की यात्रा’ जारी है। हमारी यह यात्रा तब तक जारी रहेगी, जब तक ‘न्याय का हक’ नहीं मिल जाता। जैसे ईंट-ईंट जोड़ कर इमारत का निर्माण होता है, वैसे ही देश को जोड़ कर ही न्यायपूर्ण भारत का निर्माण होगा। देश के बच्चों का इस भावना में विश्वास एक बेहतर, प्रगतिशील भविष्य का इशारा है – न्याय के भारत की स्थापना का संकेत है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा, हम आपके बीच आपकी पीड़ा सुनने आए हैं, इसलिए इस यात्रा को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ नाम दिया गया है।
यत्रा के दौरान राहुल गांधी ने आज, असम के लखीमपुर में सराईघाट युद्ध के नायक, अहोम साम्राज्य के सेनापति लचित बोरफुकन जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी वीरता और निडर संघर्ष आज भी पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।
राहुल गांधी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा को कांग्रेस द्वारा पूर्व में निर्धारित रास्ते पर असम के मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली गई तो कानून के उल्लंघन का मुकदमा दायर किया जाएगा। तीन-चार महीने के बाद चुनाव संपन्न होने पर गिरफ्तारी भी की जाएगी। इस पर कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से सवाल करते हुए कहा है कि वे असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से सिर्फ 2 बातें कहें। हमें आरएसएस – भाजपा के लिए उनकी वफादारी का कोई नया सबूत नहीं चाहिए। जिस रास्ते से जेपी नड्डा की रैली निकली थी, उसी रास्ते से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकालने की अनुमति दें।