वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी के कारोबारी राजेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी नीतू और बेटे नवनेंद्र और सुवेंद्र और बेटी गौरांगी की बीते 5 नवंबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बताया गया है कि, करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी के लिए 27 साल पहले राजेंद्र ने अपने भाई और फिर अपने पिता की हत्या कर दी थी। दावा किया जा रहा है कि यह हत्या उनके भाई के बेटे यानी उनके भतीजे ने भाड़े के शूटरों की मदद से कराई है जबकि उनकी पहली पत्नी के बेटे पर भी आरोप लग रहा है।
चार संदिग्धों को पुलिस ने किया गिरफ्तार।
इस हत्याकांड का खुलासा करने के लिए पुलिस द्वारा कुल 10 टीमें लगाई गई हैं। जिसमें छह टीमें अलग-अलग राज्यों में भेजी गई हैं और चार टीमें वाराणसी में जांच पड़ताल कर रही हैं। बताया जा रहा है की घटना वाले दिन राजेंद्र गुप्ता के घर के समीप चार संदिग्धों की मौजूदगी थी। चारों संदिग्धों को लोकेशन के आधार पर पुलिस ने मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है। मुंबई से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस टीम उन्हें वाराणसी लेकर आ रही है। इसके अलावा भतीजे विक्की के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। विक्की के सभी मोबाइल नंबर बंद हैं।
मणिकर्णिका घाट पर पांचों का अंतिम संस्कार किया गया। राजेंद्र का अंतिम संस्कार उनके भतीजे जुगनू ने किया। इस दौरान राजेंद्र के कई रिश्तेदार भी वहां पहुंचे। राजेंद्र की मां शारदा देवी दुखी दिखीं। मृतक राजेन्द्र की करोड़ों रुपए की संपत्ति राजेन्द्र और उसके परिवार के अंतिम संस्कार के काम नहीं आ सकी। चर्चा है कि, करोड़ों रुपए होने के बाद भी अंतिम संस्कार के लिए लोगों को चंदा एकत्र करना पड़ा।
वाराणसी में कई जगह राजेंद्र कुमार गुप्ता के फ्लैट हैं। इसके अलावा वाराणसी के कई जगहों पर शराब के ठेके भी राजेंद्र गुप्ता द्वारा चलाए जाते हैं।