Delhi, 03 October 2025
लद्दाख को राज्य का दर्जा दिए जाने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे क्लाइमेट एक्टीविस्ट और शिक्षाविद् सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वांगचुक को 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत लद्दाख पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। गीतांजलि अंगमो नेत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपने पति की ,संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिहाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की है।
याचिका में गीताजंलि ने सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत यगिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया है। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते बाद भी गिरफ्तारी के आधार नहीं मिले और न ही सोनम की कोई जानकारी मिल रही है। सोनम की पत्नी ने हैबियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षी) याचिका दाखिल कर तत्काल रिहाई की मांग की। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से मामले में जल्द सुनवाई की मांग की जा सकती है।
बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश में 24 सितंबर को हुई हिंसा के मामले में चार लोगों की जान चली गई थी। यह हिंसा लेह में लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई। करीब 90 लोग हिंसा के दौरान घायल हुए थे। 26 सितंबर को सोनम वांगचुक को लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोप में लद्दाख पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्हें राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद किया गया है।
गीतांजलि अंगमो ने याचिका अधिवक्ता सर्वम रितम खरे के माध्यम से दायर की है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दशहरा अवकाश के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। गीतांजलि अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लेह जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर भी हस्तक्षेप की मांग की थी।