November 25, 2025

प्रदेश में आईसीयू सेवाओं की गुणवत्ता के लिए बनेगी एसओपी, रखरखाव व आपूर्ति के लिए तय होगी जवाबदेही

प्रदेश के सरकारी व निजी अस्पतालों में आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) में गुणवत्ता सेवाओं के लिए पहली बार मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। एसओपी में आईसीयू में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के रखरखाव व आपूर्ति के लिए जवाबदेही तय की जाएगी।

एसओपी बनाने के लिए सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पहली बैठक हो चुकी है, जिसमें विशेषज्ञों में आईसीयू सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। एसओपी के लिए विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि नर्सिंग स्टाफ व जूनियर रेजिडेंट्स के लिए बेसिक व एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट का प्रशिक्षण अनिवार्य बनाया जाए

इसके अलावा इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन की नियुक्ति की जानी चाहिए। पैलिएटिव केयर व जेरियाट्रिक केयर के लिए सभी अस्पतालों में 10 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने, सभी राज्य मेडिकल कॉलेजों में सरकारी अधिकारियों के सहयोग से त्रैमासिक आधार पर सिमुलेशन आधारित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। बेड उपलब्धता की जवाबदेही के लिए एक सामान्य मोबाइल एप व पोर्टल विकसित करने का सुझाव विशेषज्ञों ने दिए।
एसओपी में जिला अस्पतालों में उच्च निर्भरता इकाई (एचडीय) बेड की संख्या बढ़ाने, आईसीयू में काम करने वाले नर्सिंग और मेडिकल ऑफिसर्स के अनुभव के लिए न्यूनतम मानदंड निर्धारित किए जाएंगे। इसके अलावा जिला स्तर पर आईसीयू सेवाओं की निगरानी के लिए टीम गठित कर हर तीन माह में ऑडिट करने का प्रावधान किया जाएगा।

 

प्रदेश के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में आईसीयू सेवाओं के लिए एसओपी बनाई जा रही है। इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों से सुझाव लिए गए। इससे न केवल आईसीयू संचालन के मानकों को और बेहतर बनाने के साथ ही मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। -डॉ. आर. राजेश कुमार, स्वास्थ्य सचिव

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