सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड ऋषिकेश के 2004 की फर्जी मुठभेड़ के मामले में उत्तराखंड पुलिस के तीन कांस्टेबलों को किया बरी: हुई थी एक महिला की हत्या,
 
        उत्तराखंड: सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करते हुए 2004 में उत्तराखंड के ऋषिकेश के फर्जी मुठभेड़ में एक महिला की हत्या के मामले में उत्तराखंड पुलिस के तीन कांस्टेबलों को बरी कर दिया। मामले में मुख्य अभियुक्त जगदीश सिंह की अपील के लंबित रहने के दौरान मृत्यु हो गई थी।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह दिखाने के लिए कोई सबूत पेश करने में विफल रहा है कि यहां अपीलकर्ताओं का अभियुक्त हेड कांस्टेबल जगदीश सिंह के साथ मृतक पर गोली चलाने से पहले समान इरादा था, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में, जोर दिया कि आईपीसी की धारा 34 की सहायता से अभियुक्तों को दोषी ठहराने के लिए, अभियोजन पक्ष को पहले से मन की समानता स्थापित करनी होगी। पीठ ने कहा कि यह साबित किया जाना चाहिए कि सभी आरोपियों ने पहले से ही अपराध करने की योजना बनाई थी और अपराध करने वाले आरोपी के साथ मिलकर अपराध करने का इरादा साझा किया था। यह साबित किया जाना चाहिए कि सभी आरोपियों की साझा मंशा को आगे बढ़ाने के लिए आपराधिक कृत्य किया गया है।
शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें 15 नवंबर, 2004 की शाम को ऋषिकेश में शिकायतकर्ता संजीव चौहान की पत्नी की गोली मारकर हत्या करने के मामले में निचली अदालत द्वारा अपीलकर्ताओं को बरी करने के फैसले को पलट दिया गया था। इसने अपीलकर्ता सुरेंद्र सिंह, सूरत सिंह और अशद सिंह नेगी को बरी करते हुए निचली अदालत के फैसले को बहाल कर दिया।
उल्लेखनीय है कि, 15 नवंबर, 2004 की शाम को ऋषिकेश में मारुति कार में अवैध शराब की तस्करी की सूचना मिलने पर हेड कांस्टेबल जगदीश सिंह के नेतृत्व में पुलिस दल ने उक्त कार को रोकने का इशारा किया। जब संजीव चौहान द्वारा कार नहीं रोकी तो हेड कांस्टेबल जगदीश सिंह ने गोली चला दी जो आगे की सीट पर बैठी उसकी पत्नी को लगी और उसकी मौत हो गई। ट्रायल कोर्ट ने केवल जगदीश को हत्या के आरोप में दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। राज्य सरकार की अपील पर हाईकोर्ट ने मामले में चारों को दोषी करार दिया था।

 
                         
                 
                 
                 
                 
                 
                