दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून संबंधी याचिकाओं पर आज दूसरे दिन गुरुवार को सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने 73 याचिकाओं पर सुनवाई की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा , कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक सिंघवी, सी.यू. सिंह ने मुस्लिम निकायों और व्यक्तिगत याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील रखी।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 7 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने और उस पर प्रतिउत्तर अगले 5 दिनों के भीतर दाखिल करने के आदेश दिए। अगली सुनवाई 5 मई 2025 को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा, अगली सुनवाई से केवल 5 रिट याचिकाकर्ता ही न्यायालय में उपस्थित होंगे। सुनवाई में कौन 5 याचिकाकर्ता उपस्थिति रहेंगे, कोर्ट नाम का उल्लेख नहीं किया।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, प्रतिवादी सरकार 7 दिनों के भीतर एक संक्षिप्त जवाब दाखिल करना चाहती है। और कोर्ट को आश्वासन दिया कि अगली तारीख तक बोर्ड और परिषदों में कोई नियुक्ति नहीं होगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अधिसूचना या राजपत्रित द्वारा पहले से घोषित उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ सहित वक्फ की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। और नए वक्फ कानून के प्रावधान भी प्रभावी नहीं करेंगे।
आज की सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, मैं सम्मान और चिंता के साथ कुछ कहना चाहता हूं। यह अदालत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोक पर विचार कर रही है, जो दुर्लभ है। एसजी ने कहा कि प्रथम दृष्टया कुछ सेक्शन पर रोक लगा दिया जाए, यह ज्यादा आगे जाने वाली बात होगी। सरकार और संसद लोगों को जवाब देने के लिए बाध्य हैं। निजी संपत्तियां और गांव के गांव वक्फ संपत्तियां बन गई हैं। तभी यह कानून लाया गया है।