Delhi , 24 May 2025,
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान उपराज्यपाल के खिलाफ दायर याचिकाओं को वापस लेने की इजाजत दे दी है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह आदेश वर्तमान में दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी की दलीलों के बाद पारित किया गया है।
जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में थी। उस दौरान दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच में प्रशासनिक सेवाओं और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं पर अधिकारों एवं नियंत्रण को लेकर राजनीतिक और कानूनी टकराव की स्थिति बनी हुई थी। इन्हीं सब कारणों से ये याचिकाएं दायर हुई थीं।
बता दें कि, भाजपा के नेतृत्व वाली मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सरकार ने 22 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट में इन याचिकाओं को वापस लेने की अर्जी दाखिल की थी जिसमें कहा गया था कि नई सरकार इन मामलों को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सुनवाई करते हुए याचिकाओं को वापस लेने की इजाजत दी है। सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता ने पूर्ववर्ती आप सरकार के कार्यकाल में में अदालतननियुक्त वकीलों की लंबित फीस का प्रकरण उठाया। इस पर ँंअतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भाटी ने अदालत को भरोसा दिलाया कि सभी लंबित भुगतानों का शीघ्र निपटारा किया जाएगा।
वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव आया है। अब केंद्र और दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। इसलिए दिल्ली के उपराज्यपाल और सरकार के बीच में वर्चस्व की लड़ाई स्वत: ही समाप्त हो गई है। पूर्व में आम आदमी पार्टी की सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच अधिकारों एवं नियंत्रण को लेकर राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के परिणाम स्वरूप विवाद उत्पन्न हुआ था।