नई दिल्ली , सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2019 में भारत में तहलका मचाने वाले पेगासस स्पाइवेयर के अनधिकृत उपयोग की जांच संबंधी याचिकाओं पर आज एक बड़ा फैसला सुनाया है। टेक्निकल पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी किसी भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया जा सकता है। टेक्निकल पैनल की रिपोर्ट सड़कों पर चर्चा का दस्तावेज नहीं हो सकती। पेगासस स्पाइवेयर संबंधी याचिकाओं पर 30 जुलाई को अगली सुनवाई की जाएगी।
पेगासस स्पाइवेयर के अनधिकृत उपयोग की जांच संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि इस बात की जांच करनी होगी कि तकनीकी पैनल की रिपोर्ट किस हद तक व्यक्तियों के साथ साझा की जा सकती है। पीठ ने कहा, “देश की सुरक्षा और संप्रभुता को प्रभावित करने वाली किसी भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया जाएगा। लेकिन जो व्यक्ति यह जानना चाहते हैं कि क्या उन्हें इसमें शामिल किया गया है तो उन्हें जानकारी दी जा सकती है। हम पेगासस से प्रभावित लोगों की मांग पर विचार कर सकते हैं। लेकिन इसे सड़कों पर चर्चा का दस्तावेज नहीं बनाया जा सकता है। पीठ ने कहा, यह भी जांच का विषय होना चाहिए कि तकनीकी पैनल की रिपोर्ट को किस हद तक व्यक्तियों के साथ साझा किया जा सकता है।
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने , अमेरिकी जिला अदालत के एक फैसले और व्हाट्सएप का जिक्र किया। सिब्बल ने कहा, “व्हाट्सएप ने खुद ही प्रभावित इसका खुलासा किया है। किसी तीसरे पक्ष ने नहीं। व्हाट्सएप ने हैकिंग के बारे में बताया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेगासस स्पाइवेयर के अनधिकृत उपयोग की जांच के लिए याचिकाओं पर 30 जुलाई को अगली सुनवाई की जाएगी।
बता दें कि, वर्ष 2019 में प्रभावितों के मोबाइल फोन पर व्हाट्सएप ने मैसेज भेजा , जिसमें दावा किया गया था कि भारत सरकार ने नेता, मंत्री, पत्रकार समेत करीब 300 लोगों की जासूसी के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया। इस मैसेज ने भारत में तहलका मचा दिया। अगस्त 2021 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने टेक्निकल पैनल गठित कर जांच करने के आदेश दिए। याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि 2021 में बनाए गए टेक्निकल पैनल की रिपोर्ट सभी को देने का निर्देश दिया गया था, लेकिन अभी तक से साझा नहीं की गई। उन्होंने सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के निर्देश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी। आज इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टेक्निकल पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया