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Supreme Court's decision reserved in the case of VVPATs of EVMs. - Separato Spot Witness Times
न्यायालय

Supreme Court’s decision reserved in the case of VVPATs of EVMs.

दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट में आज ईवीएम में पड़े वोटों का पेपर ऑडिट ट्रेल वीवीपैट के साथ मिलान करने को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई। याचिकाओं और सरकारी पक्ष को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में चुनाव आयोग को निर्देशित नहीं कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम संदेह के आधार पर कोई फैसला नहीं दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि उसे कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि ईवीएम को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवालों को लेकर निर्वाचन आयोग की ओर से जो उत्तर दिए गए हैं उनमें कुछ भ्रम है। सुनवाई के दौरान पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एश्वर्या भाटी से कहा, “हम गलत साबित नहीं होना चाहते, बल्कि अपने निष्कर्षों को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहते हैं और इसलिए हमने स्पष्टीकरण मांगने का सोचा।”

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने मांग की है कि, ईवीएम में डाले जाने वाले वोट का सौ फीसदी वीवीपैट मशीन के साथ क्रॉस वेरिफिकेशन कराया जाए, ताकि मतदाता को पता चल सके कि उसने सही वोट दिया है। ईवीएम से जुड़ी एक अन्य याचिका दावा किया कि, 2019 के लोकसभा आम चुनाव के बाद एक संसदीय समिति ने ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी। लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान वीवीपैट को लेकर कई सवाल उठाए गए। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने सवाल किए हैं कि क्या वीवीपैट की कंट्रोलिंग यूनिट में माइक्रोकंट्रोलर लगा हुआ है? क्या किसी प्रोग्राम को माइक्रोकंट्रोलर में केवल एक बार ही फीड किया जा सकता है? आयोग के पास कितने सिंबल लोडिंग इकाइयां मौजूद हैं? चुनाव याचिका दायर करने की सीमा अवधि आपके अनुसार 30 दिन है और स्टोरेज और रिकॉर्ड 45 दिनों तक बनाए रखा जाता है। लेकिन लिमिटेशन डे 45 दिन है, आपको इसे सही करना होगा। निर्वाचन आयोग ने ईवीएम के तकनीकी सिस्टम के बारे में बताया कि, एक वोटिंग यूनिट में एक बैलट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और एक पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) यूनिट होती है, इन सभी यूनिट में अपना-अपना माइक्रो कंट्रोलर होता है और इन कंट्रोलर से छेड़छाड़ नहीं हो सकती। माइक्रो कंट्रोलर में सिर्फ एक ही बार प्रोग्राम फीड किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम में पड़े वोटों का, पेपर ऑडिट ट्रेल वीवीपैट के साथ मिलान किए जाने संबंधी याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

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Supreme Court’s decision reserved in the case of VVPATs of EVMs.

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