उत्तराखंड, “स्वच्छ गंगा अविरल गंगा” का संदेश देने के लिए सीमा सुरक्षा बल और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की संयुक्त टीम राफ्टिंग द्वारा उत्तराखंड के देवप्रयाग संगम से गंगा सागर पश्चिम बंगाल की यात्रा पर रवाना हुई। यह टीम करीब 25 सौ किलोमीटर की इस यात्रा को 53 दिनों में करेगी पूर्ण।
सीमा सुरक्षा बल और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की महिला राफ्टिंग टीम पहली बार देवप्रयाग संगम से गंगा सागर की यात्रा पर निकली। स्वच्छ गंगा अविरल गंगा व महिला सशक्तिकरण का संदेश देते अभियान को सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक राजा बाबू सिंह ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। गंगासागर तक के 25 सौ किलोमीटर के साहसिक अभियान में राफ्टिंग दल देवप्रयाग से पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर की दूरी 53 दिन में तय करेगा। अभियान का समापन 24 अक्टूबर को होगा।
इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल के आईजी राजा बाबू सिंह ने कहा कि यह भारत की पहली महिला टीम है जो इस तरह के साहसिक कार्यक्रम का हिस्सा बनी है। देश में महिला सशक्तिकरण की पहचान इस अभियान में बीस महिला जवान शामिल हैं ।जिन्हाेंने इसके लिए छह हफ्तों का विशेष प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने कहा कि गंगा भारत की पवित्र नदी है इसको स्वच्छ व अविरल रखना हमारा संकल्प है।
दो राफ्टों के साथ चलने वाले इस अभियान में गंगा तट से लगे 43 नगरों में स्वच्छ गंगा अविरल गंगा का संदेश भी नई पीढ़ी को दिया जायेगा। 24 दिसम्बर तक चलने वाले अभियान में सुरक्षा की दृष्टि से द्वितीय कमान अधिकारी मनोज सुंदरियाल की अगुवाई में भी एक टीम साथ चलेगी।
Swachh Ganga aviral Ganga.