मौसम विभाग , देहरादून में नहीं फटा बादल, अतिवृष्टि का है परिणाम,
Dehradun , 17 September 2025,
दून घाटी में बीते दिनों अतिवृष्टि के बाद नदी-नाले इतने उफान पर आ गए जिससे राजधानी में हर ओर सिर्फ तबाही ही तबाही नजर आई। इस आपदा ने कम से कम 13 लोगों की जान ले ली और अभी भी 16 लोगों का कुछ पता नहीं चल पाया है। कम से कम 3 पुल और 30 से अधिक सड़कें पूरी तरह तबाह हो गईं। मसूरी में 3 हजार से अधिक सैलानी अभी भी फंसे हुए हैं। मौसम विभाग ने खुलासा किया है कि देहरादून में कहीं भी बादल नहीं फटा। यह अतिवृष्टि का परिणाम है। फिर सवाल उठता है कि, इस भीषण आपदा की असली वजह क्या थी?
मौसम विभाग के निदेशक डॉ. सीएस तोमर ने बताया कि दून समेत प्रदेश के अन्य इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। इससे नुकसान हुआ है। सहस्रधारा, मालदेवता, मसूरी की पहाड़ियों समेत कई इलाकों में लगातार बारिश हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक सहस्रधारा में सर्वाधिक बारिश मंगलवार की सुबह सवा पांच से सवा छह बजे तक हुई।
निदेशक डॉ. सीएम तोमर ने बताया कि, जब मानसून जाता है तो आखिरी समय में अच्छी बारिश होती है। दक्षिण पूर्वी और उत्तर पश्चिमी हवाएं टकराने के कारण देहरादून के सहस्रधारा और मालदेवता में ‘जोन ऑफ कॉम्प्लेक्स’ बन रहा है। नमी ज्यादा होने पर पूर्वी हवाएं ऊपर उठकर बादल बनाती हैं और पहाड़ी इलाके शुरू होने पर यही बादल इधर-उधर शिफ्ट नहीं हो पाते, पहाड़ियों से टकराकर बरस पड़ते हैं। निरंतर बारिश से मलबा भी जमा होता रहता है।
इसके अलावा नदी नालों और गदेरों से आई आपदाओं का एक कारण नदियों पर हुए अवैध अतिक्रमण भी है। अतिक्रमण के चलते नदी नालों और गदेरे अपने मूल स्वरूप में नहीं रहे। ये लगातार सिकुड़ रहे हैं। जिसके कारण भीषण आपदाओं से जूझना पड़ता है।
