दिल्ली, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड सेबी के अधिकारियों द्वारा सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच की कार्यप्रणाली वर्क कल्चर और शोर्ट सेलर हिंडेनबर्ग द्वारा लगाए गए तथा कथित आरोपों की जांच संसदीय सार्वजनिक लेखा समिति पीएसी कर रही है। सचिवालय सेक्रेटेरिएट की रिपोर्ट के मुताबिक, संसदीय लोक लेखा कमेटी इस महीने के अंत में उन्हें नोटिस दे सकती है।
पीएसी के एजेंडे में बुच से जुड़ा मामला 26 अगस्त को कमेटी की पहली बैठक में शामिल किया गया. जिसमें कमेटी के कई सदस्यों ने मार्केट रेगुलेटर की कार्यप्रणाली और चेयपर्सन पर लगे आरोपों की जांच की मांग की।
इस कमेटी के अध्यक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल हैं। कमेटी में एनडीए के साथ-साथ इंडिया गठबंधन के सदस्य भी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में सेबी की प्रमुख पर लगे आरोपों के कारण यह मामला सामने आया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगस्त में हुई बैठक में इस मामले को इसमें शामिल किया गया।
बताया जा रहा है कि 10 सितंबर को पीएसी की मीटिंग होने वाली है। जिसमें माधबी पुरी बुच को नहीं बुलाया गया है और न ही सम्मन भेजा गया है। लेकिन उनके खिलाफ लगे आरोपों को देखते हुए इस महीने के अंत में होने वाली मीटिंग में बुलाया जा सकता है। कमेटी के ज्यादातर मेंबर्स का मानना है कि बुच पर जिस तरह से पहले हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में आरोप लगाए गए, फिर देश में जाने-माने मीडिया कंपनी के फाउंडर ने सुभाष चंन्द्रा ने आरोप लगाया और फिर सेबी के कर्मचारियों ने भेदभाव का आरोप लगाया है। पीएसी की जिम्मेदारी बनती है कि इस मामले पर सेबी प्रमुख माधवी बुच से जवाब तलब करे। फिलहाल पीएसी की तरफ से माधबी पुरी बुच को अभी तक कोई सम्मन नहीं भेजा गया है।
सेबी की प्रमुख पर अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की जांच को लेकर हितों के टकराव का आरोप लगाया गया है। इससे पहले सेबी के टॉप मैनेजमेंट के खिलाफ कई कर्मचारियों ने शिकायत की थी कि सेबी का वर्क कल्चर टॉक्सिक हो गया है। इसके बाद सेबी की तरफ से भी एक प्रेस नोट के जरिए कर्मचारियों की मांगों को लेकर सफाई दी गई।
The Parliamentary Public Accounts Committee PAC will investigate the allegations made against SEBI chief Madhabi Puri Buch
.