December 19, 2025

ऐसे पटरी पर आएगी दून की यातायात व्यवस्था, रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड पर बनेंगे छह इंटरचेंज

दून की यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रस्तावित रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट के डिजाइन का सार्वजनिक प्रदर्शन किया गया। बताया गया कि एलिवेटेड रोड पर छह इंटरचेंज बनाए जाएंगे। एलिवेटेड रोड के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव राजस्व विभाग के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है।

प्रस्तावित भूमि-भवनों के स्थलीय निरीक्षण के लिए डीएम सविन बंसल ने संबंधित विभागों की टीम गठित कर दी है। सभी टीमें निरीक्षण का कार्य कर रही हैं। वहीं, डिजाइन का प्रदर्शन कर इंजीनियर्स ने बताया कि भविष्य में यह परियोजना किस तरह आकार लेगी और किन इलाकों को लाभ मिलेगा। शनिवार शाम को चंदर रोड पर लोनिवि की ओर से रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट के प्रस्तुतिकरण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें लोनिवि के अधिकारियों ने डिजाइन का प्रस्तुतिकरण दिया। परियोजना का डिजाइन मुंबई की कंपनी स्पेक्ट्रम कंसल्टेंसी ने तैयार किया है।

डिजाइन के अलावा परियोजना के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की गई। शहर के आर्किटेक्ट्स ने कहा कि योजना के कारण बड़े पैमाने पर लोगों को विस्थापित करना होगा। सरकार सभी के लिए छत का इंतजाम करे। वहीं, बिजली व सीवर लाइन को भी शिफ्ट करने पर चर्चा हुई।

11 किमी लंबा होगा रिस्पना एलिवेटेड कॉरिडोर
इंजीनियर्स ने बताया कि इस कॉरिडोर की शुरुआत विधानसभा के पास रिस्पना पुल से होगी। नागल में नागल पुल पर इसका अंतिम छोर होगा। इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 11 किमी होगी। मुख्य वायाडक्ट की चौड़ाई 20.2 मीटर और रैंप की चौड़ाई 6.5 मीटर होगी। इस कॉरिडोर पर सहस्रधारा चौक और आईटी पार्क रोड-धोरण पर इंटरचेंज बनाए जाएंगे। इससे आसपास के सभी इलाकों के लोगों को कॉरिडोर से कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा। वाहन कॉरिडोर पर 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकेंगे। इसकी अनुमानित लागत 2500 करोड़ रुपये तय की गई है।

बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर लंबाई 15 किमी
बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर कारगी चौक से शुरू होकर राजपुर रोड पर साईं मंदिर के पास समाप्त होगा। इसकी लंबाई 15 किमी होगी। इसमें लालपुल चौक, बिंदाल तिराहा, विजय कॉलोनी-न्यू कैंट रोड व मसूरी डायवर्जन पर इंटरचेंज दिए जाएंगे।

09 महीने में डीपीआर को मिलेगा अंतिम स्वरूप
प्रस्तुतिकरण देते हुए लोनिवि के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना की फिजिबलिटी स्टडी पूरी कर ली गई है। डीपीआर का ड्राफ्ट तैयार है। इसे फाइनल करने में करीब नौ महीने का समय लगेगा। आईआईटी रुड़की की ओर से तैयार की गई हाइड्रोलाजिकल मॉडल स्टडी रिपोर्ट को लोनिवि के साथ साझा किया गया है। रिस्पना के फ्लड प्लेन जोनिंग के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। आवास व अन्य सेवाओं के शिफ्टिंग का आकलन कर लिया गया है।

दायरे में आ रहे 2000 निर्माण
रिस्पना व बिंदाल नदी के किनारों पर बसे लोगों को विस्थापित करने पर खास चर्चा हुई। यह बताया कि करीब 103 हेक्टेयर से अधिक सरकारी और निजी भूमि के अलावा 1.2 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि भी परियोजना के क्षेत्र में आ रही है। मलिन बस्तियों काे भी हटाना होगा। करीब 2000 निर्माण परियोजना क्षेत्र में आ रहे हैं।

कॉरिडोर को मसूरी तक ले जाने का भी सुझाव
आर्किटेक्ट डीएस राणा ने बताया कि उत्तराखंड आर्किटेक्ट व इंजीनियर्स एसोसिएशन को लोनिवि की ओर से कार्यशाला में शामिल होकर अपने सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया था। आर्किटेक्ट व इंजीनियर्स ने डिजाइन देखने के बाद उसे सराहा और कॉरिडोर को मसूरी तक ले जाने का सुझाव भी दिया, इस पर लोनिवि की ओर से कहा गया कि अभी यह पहला फेज है, अगले चरण में उस पर काम किया जाएगा।

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