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केंद्रीय मंत्रिमंडल का फैसला:एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड पूर्व में स्वीकृत निर्धारित सीमा 7.5 हजार करोड़ रुपए के बजाय 20 हजार करोड़ रुपए तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता संवर्धन के लिए निवेश कर सकेगा। - Separato Spot Witness Times
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केंद्रीय मंत्रिमंडल का फैसला:एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड पूर्व में स्वीकृत निर्धारित सीमा 7.5 हजार करोड़ रुपए के बजाय 20 हजार करोड़ रुपए तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता संवर्धन के लिए निवेश कर सकेगा।

Delhi, 16 July 2025,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एक साथ कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में  आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने अक्षय ऊर्जा क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) पर लागू निवेश संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों से एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) को विशेष रियायत प्रदान करने को मंजूरी दी। इसके अलावा एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड और इसके अन्य संयुक्त उद्यमों/सहायक कंपनियों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लिए निवेश हेतु एनटीपीसी लिमिटेड को ज्यादा अधिकार सौंपने को मंजूरी दी गई है। इससे देश में नवीकरणीय परियोजनाओं के त्वरित विकास में मदद मिलेगी और बिजली का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों पर लागू निवेश संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों रियायत देने से एनएलसीआईएल अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआईआरएल) में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकेगी और बदले में एनआईआरएल मौजूदा शक्तियों के प्रत्यायोजन के तहत पूर्वानुमति की आवश्यकता के बिना, सीधे या संयुक्त उद्यम बनाकर विभिन्न परियोजनाओं में निवेश कर सकेगी। इस निवेश को सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) द्वारा संयुक्त उद्यमों और सहायक कंपनियों में सीपीएसई द्वारा समग्र निवेश के लिए निर्धारित 30 प्रतिशत शुद्ध मूल्य सीमा से भी छूट दी गई है, जिससे एनएलसीआईएल और एनआईआरएल को बेहतर संचालन और वित्तीय अनुकूलन प्राप्त होगा।

इन रियायतों का उद्देश्य एनएलसीआईएल के 2030 तक 10.11 गीगावाट अक्षय ऊर्जा (आरई) क्षमता विकसित करने और 2047 तक इसे 32 गीगावाट तक विस्तारित करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करना है। यह अनुमोदन सीओपी (कॉप) 26 के दौरान कार्बन उत्सर्जन से मुक्त अर्थव्यवस्था की ओर बदलाव और सतत विकास का लक्ष्य प्राप्त करने हेतु भारत की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है। देश ने “पंचामृत” लक्ष्यों और 2070 तक कार्बन उत्सर्जन से पूरी तरह मुक्ति प्राप्त करने की अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के तहत 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता का निर्माण करने का संकल्प लिया है।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने एक अन्य फैसले में एनटीपीसी लिमिटेड को और अधिक अधिकार सौंपने की अनुमति दे दी है। इस फैसले से एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) में निवेश किया जा सकेगा और एनजीईएल एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एनआरईएल) और इसकी अन्य संयुक्त उद्यमों/सहायक कंपनियों में पूर्व में स्वीकृत निर्धारित सीमा 7,500 करोड़ रुपए से आगे बढ़कर 20,000 करोड़ रुपए तक नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता संवर्धन के लिए निवेश कर सकेगा जिससे 2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल की जा सकेगी।

एनटीपीसी और एनजीईएल को दिए गए विस्तारित अधिकार से देश में नवीकरणीय परियोजनाओं के त्वरित विकास में मदद मिलेगी। यह कदम बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और पूरे देश में चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए निवेश सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आईएसएस (अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की वापसी पर एक प्रस्ताव पारित किया है। यह पूरे देश के लिए गौरव और खुशी का अवसर है। आज मंत्रिमंडल, देश के साथ, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को पृथ्वी पर उनकी सफल वापसी पर बधाई देता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिनों का ऐतिहासिक मिशन पूरा किया है। यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय है। यह हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम के भविष्य की एक सुनहरी झलक देता है। मंत्रिमंडल इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की पूरी टीम को बधाई देता है।

 

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