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Union Cabinet meeting chaired by Prime Minister Narendra Modi concluded: Seven proposals were approved. - Separato Spot Witness Times
राष्ट्रीय समाचार

Union Cabinet meeting chaired by Prime Minister Narendra Modi concluded: Seven proposals were approved.

दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता मे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हुई। केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रमुख बंदरगाहों और डॉक लेबर बोर्ड के कर्मचारियों एवं श्रमिकों के लिए मौजूदा उत्पादकता से जुड़ी पुरस्कार (पीएलआर) योजना में संशोधन, रेल कर्मचारियों को पीएलबी के भुगतान को मंजूरी, मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने , ‘आशय पत्र’ पर हस्ताक्षर को मंजूरी प्रदान करने, चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना चरण-2 को मंजूरी देने सहित सात प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

*केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2020-21 से 2025-26 तक के लिए प्रमुख बंदरगाहों और डॉक लेबर बोर्ड के कर्मचारियों/श्रमिकों के लिए मौजूदा उत्पादकता से जुड़ी पुरस्कार (पीएलआर) योजना में संशोधन को मंजूरी दी है। लागू संशोधित पीएलआर योजना से प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरणों और डॉक लेबर बोर्ड के लगभग 20,704 कर्मचारियों को लाभ होगा। पूरी अवधि के लिए कुल वित्तीय निहितार्थ लगभग 200 करोड़ रुपये होगा। योजना के अनुसार, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने वर्ष 2020-21 से 2025-26 के लिए सभी प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरणों और डॉक लेबर बोर्ड के कर्मचारियों/श्रमिकों के लिए उत्पादकता से जुड़ी पुरस्कार (पीएलआर) योजना को संशोधित किया है, जिससे पीएलआर की गणना के लिए अखिल भारतीय प्रदर्शन के भार के बजाय बंदरगाह-विशिष्ट प्रदर्शन का भार बढ़ गया है। बोनस की गणना के लिए उत्पादकता से जुड़े पुरस्कार (पीएलआर) की गणना 7000 रुपये प्रति माह की वेतन सीमा की दर पर की गई है। बंदरगाह-विशिष्ट प्रदर्शन के भार को 50% से बढ़ाकर 55% और फिर 60% करके पीएलआर का भुगतान सालाना तौर पर किया जाएगा। अखिल भारतीय बंदरगाह प्रदर्शन का भार भी 2025-26 तक की अवधि में घटकर 40% हो जाएगा। यह अखिल भारतीय बंदरगाह प्रदर्शन और विशिष्ट बंदरगाह प्रदर्शन के लिए 50% के मौजूदा समान भार को प्रतिस्थापित कर रहा है। उम्मीद है कि प्रस्तावित संशोधन से प्रमुख बंदरगाहों के बीच प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ दक्षता में भी वृद्धि होगी।

‌* केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11,72,240 रेल कर्मचारियों को 2028.57 करोड़ रु के लिए 78 दिनों के पीएलबी के भुगतान को मंजूरी दे दी है। यह राशि ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मिनिस्ट्रियल स्टाफ और अन्य ग्रुप एक्ससी स्टाफ जैसी विभिन्न श्रेणियों के रेल कर्मचारियों को भुगतान की जाएगी। पीएलबी का भुगतान रेल कर्मचारियों को रेलवे के प्रदर्शन में सुधार की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करने के प्रोत्साहन के रूप में कार्य करता है। पात्र रेल कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा/दशहरे की छुट्टियों से पहले किया जाता है। इस वर्ष भी लगभग 11.72 लाख अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी राशि का भुगतान किया जा रहा है। प्रत्येक पात्र रेल कर्मचारी को देय अधिकतम राशि 78 दिनों के लिए 17,951/- रुपये है। उपर्युक्त राशि ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मिनिस्ट्रियल स्टाफ और अन्य ग्रुप ‘सी स्टाफ जैसी विभिन्न श्रेणियों के रेल कर्मचारियों को भुगतान की जाएगी।

* केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने को स्वीकृति दे दी है। शास्त्रीय भाषाएं भारत की गहन और प्राचीन सांस्कृतिक विरासत की संरक्षक के रूप में काम करती हैं, जो प्रत्येक समुदाय की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों का सार प्रस्तुत करती हैं।

*मंत्रिमंडल ने ‘आशय पत्र’ पर हस्ताक्षर को मंजूरी प्रदान की है, जिसकी बदौलत भारत ‘ऊर्जा दक्षता हब’ में शामिल हो सकेगा। भारत दुनिया भर में सहयोग को बढ़ावा और ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहन देने के लिए समर्पित वैश्विक मंच -अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता हब में शामिल होगा। एक यह कदम सतत विकास की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करता है तथा ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के उसके प्रयासों के अनुरूप है।ऊर्जा दक्षता सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी (आईपीईईसी) जिसमें भारत भी सदस्य था, के उत्तराधिकारी के रूप में वर्ष 2020 में स्थापित यह हब सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और निजी क्षेत्र की संस्थाओं को ज्ञान, सर्वोत्तम पद्धतियों और नवोन्मेषी समाधानों को साझा करने के लिए एक साथ लाता है। इस हब में शामिल होने से भारत को विशेषज्ञों और संसाधनों के एक विशाल नेटवर्क तक पहुंच प्राप्त होगी, जिससे वह अपनी घरेलू ऊर्जा दक्षता पहलों को बढ़ाने में सक्षम हो सकेगा। जुलाई, 2024 तक, इस हब में सोलह देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कोरिया, लक्जमबर्ग, रूस, सऊदी अरब, अमेरिका और ब्रिटेन) शामिल हो चुके हैं।

*कैबिनेट ने चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना चरण II को मंजूरी दे दी जिसमें तीन कॉरिडोर शामिल हैं – (i) माधवरम से सिपकोट, (ii) लाइट हाउस से पूनमल्ली बाईपास और (iii) माधवरम से शोलिंगनल्लूर तक। दूसरे चरण में 118.9 किलोमीटर की नई लाइनों के साथ 128 स्टेशन शामिल होंगे, इससे चेन्नई में कुल 173 किलोमीटर का मेट्रो रेल नेटवर्क बनेगा।परियोजना की पूर्णता लागत 63,246 करोड़ रुपये है। यह स्वीकृत कॉरिडोर चेन्नई के उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम को जोड़ेंगे

*केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज कृषि एवं किसान मंत्रालय के तहत संचालित सभी केन्द्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) को दो-समग्र (अम्ब्रेला) योजनाओं -प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई), जो कि एक कैफेटेरिया योजना है और कृषोन्नति योजना (केवाई) – के अधीन युक्तिकरण हेतु कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।पीएम-आरकेवीवाई जहां टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देगा, वहीं केवाई खाद्य सुरक्षा एवं कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को पूरा करेगा। विभिन्न घटकों के कुशल एवं प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने हेतु सभी घटक प्रौद्योगिकी का लाभ उठायेंगे। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई) को कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये के प्रस्तावित व्यय के साथ लागू किया जाएगा। ये योजनाएं राज्य सरकारों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती हैं।

*केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – तिलहन (एनएमईओ -तिलहन) को मंजूरी दी है, जो घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) हासिल करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल है। मिशन को 10,103 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ 2024-25 से 2030-31 तक की सात साल की अवधि में लागू किया जाएगा। नयी मंजूरी प्राप्त एनएमईओ-तिलहन, रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और तिल जैसी प्रमुख प्राथमिक तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ कपास के बीज, चावल की भूसी और वृक्ष जनित तेलों जैसे द्वितीयक स्रोतों से संग्रह और निष्कर्षण दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। मिशन का लक्ष्य प्राथमिक तिलहन उत्पादन को 39 मिलियन टन (2022-23) से बढ़ाकर 2030-31 तक 69.7 मिलियन टन करना है। एनएमईओ-ओपी (ऑयल पाम) के साथ, मिशन का लक्ष्य 2030-31 तक घरेलू खाद्य तेल उत्पादन में 25.45 मिलियन टन तक की वृद्धि करना है, जिससे हमारी अनुमानित घरेलू आवश्यकता का लगभग 72% पूरा हो जाएगा। इसे उच्च उपज देने वाली व उच्च तेल सामग्री वाली बीज किस्मों को अपनाने, चावल की परती भूमि में खेती का विस्तार करने और अंतर-फसल को बढ़ावा देने के द्वारा हासिल किया जाएगा। मिशन जीनोम एडिटिंग जैसी अत्याधुनिक वैश्विक तकनीकों का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के वर्तमान में जारी विकास का उपयोग

करेगा।

Union Cabinet meeting chaired by Prime Minister Narendra Modi concluded: Seven proposals were approved.

 

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