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गाजा में संघर्ष विराम पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भारत द्वारा मतदान में भाग नहीं लेने पर कांग्रेस ने उठाया सवाल। - Separato Spot Witness Times
राजनीतिक राष्ट्रीय समाचार

गाजा में संघर्ष विराम पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भारत द्वारा मतदान में भाग नहीं लेने पर कांग्रेस ने उठाया सवाल।

Israel-Philist conflict ,15 Jun 2025,

इजरायल-फिलिस्तीन के बीच गाजा में संघर्ष विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भारत द्वारा मतदान में भाग नहीं लेने पर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया है। कांग्रेस ने मोदी सरकार से यह पूछा कि क्या भारत ने युद्ध, नरसंहार और इंसाफ के खिलाफ अपने सैद्धांतिक रुख को त्याग दिया है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, शायद, प्रधानमंत्री मोदी को अब अपने विदेश मंत्री की बार-बार की गई गलतियों पर विचार करना चाहिए और कुछ जवाबदेही तय करनी चाहिए। गाजा में युद्ध विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव के लिए 149 देशों ने मतदान किया। जबकि भारत उन 19 देशों में से एक था, जिन्होंने मतदान में भाग नहीं लिया। वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री मोदी की तटस्थ नीति के कारण हम इस कदम से अलग-थलग पड़ गए हैं।

खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने 8 अक्टूबर 2023 को हमास आतंकियों द्वारा इजरायल के लोगों पर बर्बरतापूर्ण किए गए हमलों की निंदा की है। हमने लगातार अंधाधुंध कार्रवाइयों की निंदा की है। जिसमें गाजा पट्टी की घेराबंदी और उसमें बमबारी शामिल है। इस संघर्ष में 60 हजार लोग मारे गए हैं‌। व्यापक और भयावह मानवीय संकट है। खड़गे सवाल पूछा, क्या हमने मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया में युद्धविराम, शांति और बातचीत की वकालत करने वाले भारत के सिध्दांतों को छोड़ दिया है?

कांग्रेस महासचिव, संगठन, केसी वेणुगोपाल ने कहा कि भारत हमेशा शांति, न्याय और मानवीय गरिमा के लिए खड़ा है। लेकिन आज, भारत दक्षिण एशिया, ब्रिक्स और एससीओ में एकमात्र देश है, जिसने गाजा में युद्ध विराम की मांग करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर अपना पक्ष नहीं रखा। 60 हजार लोग मारे गए, उनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे, हजारों लोग भूख से मर रहे हैं. एक मानवीय तबाही सामने आ रही है।

लोकसभा कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी केंद्र सरकार की विदेश नीति की आलोचना करते हुए कहा, प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के रुख पर निराशा जताई। उन्होंने कहा, “यह हमारी उपनिवेशवाद विरोधी विरासत का दुखद उलटफेर है। यकीनन, हम न केवल नेतन्याहू द्वारा पूरे देश को नष्ट किए जाने पर चुप हैं, बल्कि हम उनकी सरकार द्वारा ईरान पर हमला किए जाने और इरान के नेतृत्व की हत्या किए जाने पर भी खुशी मना रहे हैं। और सभी अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पूरी तरह उल्लंघन कर रहे हैं।

प्रियंका ने कहा, “हम एक राष्ट्र के रूप में अपने संविधान के सिद्धांतों और अपने स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों को कैसे त्याग सकते हैं, जिसने शांति और मानवता पर आधारित अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र का मार्ग प्रशस्त किया?

 

गाजा में संघर्ष विराम पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भारत द्वारा मतदान में भाग नहीं लेने पर कांग्रेस ने उठाया सवाल।

United States organisations resulation

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