दिल्ली, तमिलनाडु सरकार के 10 महत्वपूर्ण विधेयकों को असीमित अवधि तक रोकने को अवैध करार घोषित करने और वक्फ कानून संबंधी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश व दिशानिर्देश से भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताु असहज होकर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ तीखी बयानबाजी कर शीर्ष अदालत को अपरोक्ष रूप से चुनौत दे रहे हैं।
इस मामले में सबसे पहले भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट पर 142 के तहत न्यायालय को मिले विशेष अधिकार लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ चौबीसों घंटे परमाणु मिसाइल बन गए हैं, जैसी गंभीर टिप्पणी कर हमलावर तैवर दिखाए। इसके साथ ही भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को लेकर कहा था कि देश में सारे धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए यही लोग जिम्मेदार हैं। कोर्ट अब अपनी सीमा को लांघ रहा है। सांसद दुबे ने सवाल उठाया कि, हर बात पर सुप्रीम कोर्ट जाना है, तो संसद और विधानसभा को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आज देश में जितने भी गृह युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं, उसके लिए सिर्फ मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं।
इन दोनों नेताओं के बयान से राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा है कि बीजेपी सुप्रीम कोर्ट को कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है। अब विपक्ष भी अपने तरीके से भाजपा को घेर रहा है।
सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर अब मध्य प्रदेश के मंत्री और बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय का चौंकाने वाला बयान सामने आया है। कैलाश विजयवर्गीय ने निशिकांत दुबे के स्वर में स्वर मिलाते हुए, कहा कि पार्टी की गाइडलाइन आ चुकी है। हम सब उसके साथ हैं। विजयवर्गीय ने कहा कि निशिकांत दुबे को सलाह मैं दूंगा कि इस प्रकार की बात सार्वजनिक रूप से नहीं करें तो ज्यादा अच्छा है। उन्होंने कहा कि आज कल की जनता सब कुछ जानती है। विजयवर्गीय ने भले ही पार्टी गाइडलाइन का हवाला देकर खुले तौर पर समर्थन न किया हो, पर उन्होंने साफ कर दिया कि जो भी निशिकांत दुबे ने कहा वो सही है।
इस बयान पर मचा बवाल शांत भी नहीं हुआ कि निशिकांत ने पूर्व चुनाव आयुक्त को भी आड़े हाथों ले लिया। उन्होंने आरोप लाया कि आप चुनाव आयोग नहीं मुसलमान आयुक्त थे। वहीं, बीजेपी के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार, कोई भी लोकसभा और राज्यसभा को निर्देशित नहीं कर सकता है.
हालांकि, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के न्यायपालिका एवं देश के चीफ़ जस्टिस पर दिए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, बीजेपी के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार, कोई भी लोकसभा और राज्यसभा को निर्देशित नहीं कर सकता है। नड्डाने कहा है कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के न्यायपालिका एवं देश के चीफ़ जस्टिस पर दिए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।
इन दोनों नेताओं के बयान से राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा है कि भाजपा सुप्रीम कोर्ट को कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के न्यायपालिका एवं देश के चीफ़ जस्टिस पर दिए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।
जयराम रमेश ने कहा है कि भाजपा के सांसद सुप्रीम कोर्ट के ख़िलाफ़ बोलने में लगे हुए हैं। भाजपा बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने खुलकर उनकी निंदा की है। शनिवार रात पत्रकारों से कहा कि भाजपा सुप्रीम कोर्ट को कमज़ोर करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा, “संवैधानिक पदाधिकारी, मंत्री और भाजपा के सांसद भी सुप्रीम कोर्ट के ख़िलाफ़ बोलने में लगे हुए हैं। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट भी ये कह रही है कि जब क़ानून बनाते हैं तो संविधान के मूलभूत ढांचे के ख़िलाफ़ मत जाइये। अगर संविधान के ख़िलाफ़ है तो हम इस क़ानून को स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट स्वतंत्र, निष्पक्ष हो और संविधान ने उनको जो अधिकार दिए हैं उनका पूरा सम्मान करना चाहिए। लेकिन ये बिलकुल साफ़ है कि जानबूझकर अलग-अलग आवाज़ें आ रही हैं और सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड से लेकर वक़्फ़ बोर्ड तक सरकार को लेकर कहा है कि जो उसने किया है वो ग़ैर संवैधानिक है।